आज के समय में विमान से सफर करना आम बात हो चुकी है। लेकिन, अधिकतर पैसेंजर्स इस बात पर खास ध्यान नहीं देते कि वह प्लेन की किस ओर से बोर्ड करते हैं। अब अगर आप ध्यान देंगे तो आपको पता चलेगा कि आप किसी भी एयरलाइन के प्लेन पर जा रहे हैं, किसी भी देश हों, बोर्डिंग हमेशा दाईं ओर से ही होती है। खास बात यह है कि इसका एक खास कारण भी है। यह एक ऐसा ट्रेडिशन है जो तब से चला आ रहा है जब से इंसानों ने नाव से सफर करने की शुरुआत की थी।
न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार डगी शार्प नाम के एक टिकटॉकर ने उस ऐतिहासिक कारण के बारे में बताया है जिसके चलते हम हमेशा प्लेन पर बाईं ओर से ही चढ़ते हैं। डगी ने अपने वीडियो में कहा कि प्राचीन समय से नावों की बाईं साइड से यात्री चढ़ते-उतरते थे माल की भी लोडिंग और अनलोडिंग इसी ओर से होती थी। यह व्यवस्था लॉजिस्टिक्स को भी काफी आसान बनाती है जिससे नाव और जहाज दुनिया के किसी भी बंदरगाह पर जा सकते थे और बिना दिक्कत काम कर सकते थे।
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Travellers Boarding On Plane. (Pixabay)
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समय बदला, तरीके बदले, कॉन्सेप्ट नहीं
इससे कंसिस्टेंसी बढ़ी और पोर्ट्स किस तरह से बनाने हैं यह तय करने में भी आसानी हुई क्योंकि सभी इस बात पर सहमत थे कि नाव या जहाज की बाईं साइड का इस्तेमाल लोडिंग और अनलोडिंग के लिए किया जाए। इससे साफ होता है कि क्यों नाव की लेफ्ट साइड को ‘पोर्ट साइड’ कहा जाता है। बता दें कि नाव की राइट साइड को स्टारबोर्ड कहते हैं। समय के साथ ट्रांसपोर्टेशन के तरीके बदले। इंसान पानी के जहाज से हवाई जहाज पर आ गया। लेकिन, यह कॉन्सेप्ट जस का तस बना रहा।
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