Menstrual Masking: सोशल मीडिया पर आयदिन अलग-अलग तरह के ट्रेंड्स देखने को मिलते हैं. कभी चेहरे पर स्नेल स्लाइम फेशियल करवाया जाता है तो कभी स्लैपिंग फेशियल ट्रेंड में आ जाता है. लेकिन, आजकल एक नए तरह का अजीब ट्रेंड देखने को मिल रहा है. इस ट्रेंड में लड़कियां अपने चेहरे मेंस्ट्रुअल ब्लड (Menstrual Blood) लगा रही हैं. पीरियड ब्लड को चेहरे पर लगाने का यह ट्रेंड हैरान करने वाला है. लेकिन, सोशल मीडिया पर इसके अलग-अलग फायदे गिनाए जा रहे हैं. यहां जानिए क्या है यह मेंस्ट्रुअल मास्किंग और इसके फायदे या नुकसान क्या हो सकते हैं.
क्या है मेंस्ट्रुअल मास्किंग | What Is Menstrual Masking
मेंस्ट्रुअल मास्किंग में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स अपने चेहरे पर अपना मेंस्ट्रुअल ब्लड यानी पीरियड वाला खून (Period Blood) लगा रही हैं. कहा जा रहा है कि इस मेंस्ट्रुअल मास्किंग से एक्ने दूर होता है, कोलेजन बूस्ट होता है, इंफ्लेमेशन कम होती है और चेहरे पर निखार आता है. कई इंफ्लुएंसर्स का कहना है कि यह नेचुरल, एंसेस्ट्रल और पावरफुल है.
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मेंस्ट्रुअल ब्लड को लेकर क्या कहती है रिसर्च
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन सोसाइटीज ऑफ एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी जर्नल में छपी एक रिसर्च के अनुसार, मेंस्ट्रुअल ब्लड से निकाले गए फ्लुइड से चोट भरने में असर दिख सकता है. एक्सपेरिमेंट्स मे पाया गया कि नॉर्मल ब्लड प्लाज्मा की जगह पर मेंस्ट्रुअल ब्लड के प्लाज्मा से हीलिंग 40 प्रतिशत तक ज्यादा बेहतर होती है. मेंस्ट्रुअल ब्लड के इस्तेमाल को सही बताते हुए इसके हक में कहा जा रहा है कि इसमें यूट्रीन लाइनिंग की स्टेम सेल्स होती हैं, इसमें प्लेटलेट्स, वाइट ब्लड सेल्स और प्लाज्मा है. इसे डर्मेटोलॉजिस्ट जब इस्तेमाल करते हैं तो प्लेटलेट रिच प्लाजमा (PRP) कहते हैं और इसे वैंपायर फेशियल के नाम से जाना जाता है. लेकिन, वैंपायर फेशियल (Vampire Facial) और चेहरे पर सीधा मेंस्ट्रुअल ब्लड को लगाना एक जैसा नहीं है.
क्या पीरियड ब्लड को चेहरे पर लगाना चाहिए?
मेंस्ट्रुअल ब्लड यानी पीरियड का खून स्टेराइल नहीं होता है. इसमें वजाइनल बैक्टीरिया होते हैं, सर्वाइकल म्यूकस होता है, टिशूज होते हैं जो पाथोजेन को कैरी करते हैं. डर्मेटोलॉजिस्ट जिस मेंस्ट्रुअल ब्लड का इस्तेमाल करते हैं वो स्टेराइल मेडिकल एंवायरमेंट्स से प्रोसेस्ड होता है. इसे सेट्रिफुगेशन से अलग किया जाता है और ट्रेन्ड प्रोफेशनल्स इसे त्वचा पर इंजेक्ट करते हैं. लेकिन, जिस मेंस्ट्रुउल ब्लड को सोशल मीडिया पर इंफ्लुएंसर्स लगा रहे हैं उसमें माइक्रोऑर्गेनिज्म जैसे ई कोली, स्टैफिलोकोकस और स्ट्रेप्टोकोकस जैसे बैक्टीरिया होते हैं.
पीरियड ब्लड को सीधा चेहरे पर लगाने से इंफेक्शंस का खतरा रहता है. इसे अगर सीधा चेहरे पर लगाया जाए तो किसी तरह के कोलेजन बूस्टिंग फायदे नहीं मिलते हैं.
सोशल मीडिया पर क्यों पॉपुलर है यह ट्रेंड
- लड़कियों की केमिकल फ्री प्रोडक्ट इस्तेमाल करने की इच्छा
- पीरियड ब्लड से जुड़ी शर्म और टैबू को हटाने की कोशिश
- बॉडी एक्सेपटेंस पर जोर देना
- सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल होने की कोशिश
- सस्टेनेबल फैशन या ब्यूटी स्टैंडर्स सेट करना.
क्या आपको ट्राई करना चाहिए ये ट्रैंड?
एक्सपर्ट की मानें तो पीरियड ब्लड को सीधा चेहरे पर नहीं लगाना चाहिए. इसके फायदे चाहिए तो डर्मेटोलॉजिस्ट से कंसल्ट किया जा सकता है जिससे वैंपायर फेशियल जैसे प्रोसीजर करवाए जा सकते हैं. लेकिन, खुद से इस तरह के एक्सपेरिमेंट्स नहीं करने चाहिए नहीं तो स्किन से जुड़ी गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं.
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