Vaginal Dryness: पार्ट में सूखापन एक आम समस्या है, जो ज्यादातर महिलाओं में 50 से 40 की उम्र में होती है। ये अक्सर असुविधाजनक होता है, लेकिन ये जरूरी नहीं कि यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो। हालांकि, वैजिनल ड्राइनेस को लेकर कई तरह के मिथक हैं, जो आपकी चिंता बढ़ा सकती है। इसके पीछे की सचाई जानने के बाद आपकी चिंता कम हो सकती है। आइए जानते हैं इसे लेकर हेल्थ एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. मंजू वली ने बताया कि पार्ट में सूखापन के बारे में सबसे आम गलतफहमियों में से एक ये है कि यह केवल मेनोपॉज का लक्षण है। हालांकि, ये सच है कि मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव एस्ट्रोजन के लेवल में कमी के कारण वैजिनल ड्राइनेस होती है, लेकिन ये लाइफ के इस फेज तक ही सीमित नहीं है। 40 से 50 की उम्र की महिलाओं के साथ-साथ स्तनपान कराने वाली या हार्मोनल आईयूडी वाली महिलाओं को भी वैजिनल डॉयनेस की समस्या हो सकती है।
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अंडरलाइंग हेल्थ कंडीशन के संकेत
हालांकि पार्ट में सूखापन कभी-कभी किसी अंडरलाइंग हेल्थ कंडीशन संकेत हो सकता है, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता है। ये सूखापन कई कारकों जैसे तनाव और शारीरिक एक्टिविटी में कमी के कारण हो सकता है। ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसी स्थिति में लगातार सूखापन पैदा कर सकती हैं, लेकिन ये बात आम है।
वैजिनल ड्राइनेस का इलाज है या नहीं?
डॉक्टर बताती हैं कि ये मिथक सच से बहुत दूर है। महिलाओं को वैजिनल ड्राइनेस से छुटकारा पाने के लिए कोई इलाज मौजूद नहीं है। हाइड्रेट रहना और तनाव को कम कर इसे कम किया जा सकता है। इसके अलावा आप इसे कम करने के लिए हार्मोन थेरेपी, ओवर-द-काउंटर लुब्रिकेंट और मॉइस्चराइजर जैसी चीजों को शामिल कर सकते हैं।
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