Insulin Resistance: जब हम हार्मोन को हेल्दी रखने की बात आती है, तो इंसुलिन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है। जब तक शरीर में डायबिटीज कंट्रोल न हो तब तक हार्मोन हेल्दी नहीं रह सकता है। इंसुलिन आपके हार्ट से लेकर दिमाग तक को हेल्दी रखता है। यहां तक कि ये आपके मूड को भी फ्रेश रखने में मदद करता है। ऐसे में इन्सुलिन रेजिस्टेंस के कारण आपके पूरे हेल्थ को नुकसान पहुंच सकता है। इसे अनदेखा किया जाए तो ये खतरनाक भी हो सकता है। आइए जानें कि इन्सुलिन रेजिस्टेंस क्यों जरूरी होता है और इसके क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं?
क्या है इन्सुलिन रेजिस्टेंस ?
इन्सुलिन रेजिस्टेंस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर इंसुलिन हार्मोन पर ठीक से काम नहीं करता। इंसुलिन, अग्न्याशय द्वारा बनाया जाने वाला हार्मोन है। ये शरीर को ज्यादा चीनी (ग्लूकोज) से बचाता है। इंसुलिन प्रतिरोध के कारण, ग्लूकोज कोशिकाओं में जाने में परेशानी पैदा करती है। इंसुलिन प्रतिरोध, प्री डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज से जुड़ा होता है। ऐसे में टाइप 1 डायबिटीज वाले लोग भी इंसुलिन प्रतिरोधी बन सकते हैं।
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डायबिटीज को बढ़ाता है
इन्सुलिन रेजिस्टेंस सबसे पहले डोमिनोज अक्सर टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ाता है। ब्लड शुगर के बढ़ने से डायबिटीज का लेवल बढ़ता है। इससे आप लंबे समय तक के लिए डाइबिटी शिकार हो सकते हैं और आपका शरीर हर रोज इंसुलिन बढ़ाने की कोशिश में लगा रहेगा। इस आपके शरीर में कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकती है।
हार्ट का कमजोर होना
हाई इन्सुलिन रेजिस्टेंस का लेवल कई समस्याओं को ट्रिगर करता है। इसके कारण हाई ब्लड प्रेशर, सूजन और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ा सकता है। ये समय के साथ, यह धमनियों के बंद होने, दिल के दौरे और स्ट्रोक का कारण बनता है।
हार्मोनल समस्याएं
इन्सुलिन रेजिस्टेंस हार्मोन को भी नुकसान पहुंचाता है, खासकर के ये महिलाओं के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इस समस्या के कारण पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित महिलाएं अक्सर परेशान रहती हैं। इस कारण महिलाओं में वजन बढ़ाने और बांझपन जैसी निराशाजनक समस्याएं पैदा हो सकती है। इसलिए इसे कंट्रोल करना सबसे ज्यादा जरूरी हो जाता है।
इन्सुलिन रेजिस्टेंस से बचाव
वजन कंट्रोल करें- वजन को कंट्रोल करने से इंसुलिन बनाने वाली अग्नाशयी कोशिकाओं का काम बेहतर होता है। इससे आपका डायबिटीज भी कंट्रोल में रहेगा।
व्यायाम करें- सप्ताह में कम से कम पांच दिन 30 मिनट व्यायाम करने से कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ज्यादा एक्टिव होती हैं।
हेल्दी डाइट लें- पोषक तत्वों से भरपूर हेल्दी डाइट लें। सफेद ब्रेड की जगह साबुत अनाज की ब्रेड खाएं, सोडा की जगह पानी पिएं और मीठे का सेवन कम करें।
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