Guillain Barre Syndrome: गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जो मांसपेशियों की कमजोरी, पैरालिसिस और ऑटोनोमिक डिसफंक्शन कारण बनता है। ये कई बार डाइजेशन सहित शरीर को कई तरह से प्रभावित करता है। जीबीएस के में सबसे आम कब्ज और से जुड़ी समस्या है, जो आपकी लाइफ को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है। दिल्ली के सीके बिड़ला अस्पताल में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डिपार्टमेंट के कंसल्टेंट डॉ. विकास जिंदल ने बताया कि कैसे गिलियन-बैरे सिंड्रोम कब्ज और आंतों की बीमारी का कारण बन सकती है।
क्यों हो सकती है पेट की समस्या?
डॉ. विकास जिंदल के अनुसार, मांसपेशियों की कमजोरी के कारण लंबे समय तक शरीर के एक्टिव न रहने से कब्ज को बढ़ा देती है। जीबीएस के इलाज में आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं, जैसे दर्द से राहत के लिए ओपिओइड और एंटीकोलिनर्जिक्स, आतों की एक्टिविटी को स्लो कर सकती है। गंभीर मामलों में, फेकल इम्पैक्शन या पैरालिटिक इलियस जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं, जिसके लिए डॉक्टर के इलाज की जरूरत होती है।
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कैसे करें बचाव?
डॉ. विकास जिंदल ने बताया कि इससे बचने के लिए आप शारीरिक एक्टिविटी जरूर करें। कुछ मामलों में, मल को नरम करने वाली दवाएं, जुलाब या एनीमा के दौरान डॉक्टर की सलाह की जरूरत हो सकती है। इसके अलावा, पेट की मालिश और फिजियोथेरेपी फायदेमंद हो सकता है। न्यूरोलॉजिस्ट, डाइटिशियन और फिजियोथेरेपिस्ट की मदद से एक अच्छा रुटीन तैयार कर सकते हैं, जो आपको जीबीएस के दौरान पेट की समस्या से दूर रखेगा। इससे आप इस बीमारी से जल्द से जल्द छुटकारा पा सकते हैं।
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