Gandhi Jayanti 2025: मोहनदास करमचंद गांधी (Mohandas Karamchand Gandhi) को महात्मा गांधी या बापू कहकर पुकारा जाता है. हर साल देश 2 अक्टूबर के दिन गांधी जयंती मनाता है. साल 1869 में इसी दिन पोरबंदर में मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ था. गांधी जी समाजसेवक, राजनेता और पेशे से वकील थे जिन्होंने देश और दुनिया को सत्य और अंहिसा का पाठ पढ़ाया था, साथ ही भारत को स्वतंत्रता दिलाने में योगदान दिया था. इस साल गांधी जी की 156वीं जयंती मनाई जा रही है. इस खास मौके पर आप भी गांधी जी के कहे अनमोल वचन (Gandhi Jayanti Quotes) सभी को भेज सकते हैं और इस दिन की खास शुभकामनाएं दे सकते हैं.
महात्मा गांधी के अनमोल वचन | Mahatma Gandhi Anmol Vachan
- गौरव लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में हैं, न कि लक्ष्य तक पहुंचने में.
- केवल प्रसन्नता ही एकमात्र इत्र है जिसे आप दूसरों पर छिड़कें तो उसकी कुछ बूंदें अवश्य ही आप पर भी पड़ती हैं.
- उफनते तूफान को मात देना है तो अधिक जोखिम उठाते हुए हमें पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़ना होगा.
- मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है. सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन.
- स्वतंत्रता एक जन्म की भांति है. जब तक हम पूर्णतः स्वतंत्र नहीं हो जाते तब तक हम परतंत्र ही रहेंगे. जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है.
- व्यक्ति अपने विचारों के सिवा कुछ नहीं. वह जो सोचता है वही बन जाता है.
- अहिंसा ही धर्म है, वही जिंदगी का एक रास्ता है.
- कमजोर इंसान कभी क्षमाशील नहीं हो सकता. क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है.
- किसी देश की महानता और उसकी नैतिक उन्नति का अंदाजा हम वहां जानवरों के साथ होने वाले व्यवहार से लगा सकते हैं.
- आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी.
कैसे मनाते हैं गांधी जयंती
भारत में गांधी जयंती के दिन नैशनल होलिडे (National Holiday) होता है. इस दिन स्कूल, कॉलेज, ऑफिस और अन्य शैक्षिक संस्थानों की छुट्टी होती है. गांधी जयंती पर बहुत सी दुकानें भी बंद होती हैं. महात्मा गांधी की जयंती मनाते हुए अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है, स्वच्छता अभियान चलाए जाते हैं और प्रार्थना की जाती है. स्कूल व कॉलेज में 2 अक्टूबर से पहले गांधी जयंती का समारोह होता है जिसमें बच्चे गांधी जी के अनमोल वचन कहते हैं, भाषण (Gandhi Jayanti Speech) देते हैं और महात्मा गांधी को याद करते हैं.
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