RBI Policy Announcement 2025: RBI की मौद्रिक नीति समिति की आज बैठक में देश की जीडीपी और महंगाई दर का अनुमान लगाया गया. आरबीआई के अनुसार भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है. बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने टैरिफ में अनिश्चितता की चिंताओं का हवाला देते हुए लगातार दूसरी बार रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है.
रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने यह भी कहा कि MPC ने सर्वसम्मति से अल्पकालिक ऋण दर या रेपो रेट को तटस्थ रुख के साथ 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया. जीएसटी दर में सुधार से खपत और विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, यह कहते हुए आरबीआई ने FY26 के लिए अपने विकास अनुमानों को ऊपर की ओर संशोधित किया है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि जीएसटी को सरल बनाने सहित कई विकास-सक्षम संरचनात्मक सुधारों को लागू करने से बाहरी चुनौतियों के कुछ नकारात्मक प्रभावों को कम करने की उम्मीद है, इसलिए आरबीआई ने 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है.
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ग्रामीण मांग रहेगी मजबूत
उन्होंने बताया कि भारत की जीडीपी में पहली तिमाही (2025-26) में 7.8 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की गई, जो निजी खपत और फिक्स्ड इन्वेस्टमेंट में बढ़ोतरी के कारण हुई. सप्लाई की ओर से, सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि मैन्युफैक्चरिंग में सुधार और सेवाओं में लगातार विस्तार के कारण हुई. उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि आर्थिक गतिविधियां अभी भी मजबूत बनी हुई हैं. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अच्छा मानसून और मजबूत कृषि गतिविधियों के कारण ग्रामीण मांग मजबूत बनी हुई है, जबकि शहरी मांग में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है.
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जीएसटी दरों में सुधार का असर
सामान्य से अधिक मानसून, खरीफ की बुआई में अच्छी प्रगति और जलाशयों में पर्याप्त जल स्तर ने कृषि और ग्रामीण मांग की संभावनाओं को और बेहतर बनाया है. सेवा क्षेत्र में मजबूती और रोजगार की स्थिर स्थिति से मांग को बढ़ावा मिल रहा है और उम्मीद है कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) दरों में सुधार से मांग को और मजबूती मिलेगी. उन्होंने कहा कि क्षमता उपयोग में वृद्धि, अनुकूल वित्तीय स्थिति और घरेलू मांग में सुधार से निश्चित रूप से फिक्स्ड इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा मिलेगा.
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दूसरी, तीसरी और चौथे तिमाही में कितना रहेगा ग्रोथ ?
इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए, 2025-26 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर अब 6.8 प्रतिशत अनुमानित है, जिसमें दूसरी तिमाही में 7.0 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.2 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान है. उन्होंने यह भी कहा कि 2025 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति उम्मीद से बेहतर रही है, और अमेरिका तथा चीन में मजबूत वृद्धि देखी गई है.










