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‘हथियार-हिंसा कब की छोड़ चुका हूं…’; UAPA को दिए हलफनामे में यासीन मलिक के बड़े-बड़े दावे

Yasin Malik Latest News: यासीन मलिक ने UAPA ट्रिब्यूनल को एक हलफनामा दिया है। इसमें यासीन ने जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLFY) और खुद को लेकर बड़े-बड़े दावे किए हैं। यासीन ने टेरर फंडिंग लेने और पथराव में हाथ होने के आरोपों को सिरे से नकार दिया है।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Oct 5, 2024 14:16
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Jammu Kashmir Liberation Front Chief Yasin Malik
प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) सरगना यासीन मलिक

Yasin Malik Affidavit to UAPA Tribunal: जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLFY) के अध्यक्ष यासीन मलिक ने UAPA ट्रिब्यूनल को अपना हलफनामा दे दिया है, इसमें यासीन ने दावा किया है कि उसने 30 साल पहले वर्ष 1994 में हथियार त्याग दिए थे। उसने गांधीजी की राह पर चलने का फैसला लिया है। वह शांतिपूर्ण तरीके से कश्मीर के मुद्दे का समाधान कराने के लिए प्रयासरत है।

यासीन ने हलफनामे में इस आरोप को खारिज करने की मांग की कि उसने टेरर फंडिंग करने के आरोपी जहूर अहमद वटाली से 15 लाख रुपये लिए थे, जबकि ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा कि ED द्वारा जब इस धन को लेने का उद्देश्य यासीन से पूछा गया तब उसने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था। NIA के इस आरोप पर कि 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी की हत्या के बाद पथराव के 89 से अधिक मामलों में वह आरोपी है, यासीन ने कहा कि हिंसा के दौरान वह पुलिस हिरासत में था।

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यासीन के संगठन  JKLFY पर प्रतिबंध लगा चुकी सरकार

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, UAPA कोर्ट ने पिछले महीने अपने आदेश में यासीन मलिक के हलफनामे पर बात की। गत 4 अक्टूबर को यासीन के हलफनामे को प्रकाशित भी किया गया। यासीन ने दावा किया कि उसके संगठन ने सरकार के अधिकारियों से बातचीत करके सभी मुद्दों का समाधान सुनिश्चित किया था, इसके बावजूद JKLFY पर अगले 5 वर्ष के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया। गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत इसे एक ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया।

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यासीन ने ट्रिब्यूनल को दिए अपने हलफनामे में दावा किया कि 90 के दशक की शुरुआत में उन्हें राज्य के विभिन्न अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया था कि वे बातचीत करके कश्मीर विवाद को हल करेंगे। इसके बाद उन्होंने एकतरफा युद्धविराम शुरू कर दिया था तो उनके और JKLFY के सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं। उन्हें टाडा के तहत सभी 32 लंबित आतंकवाद से संबंधित मामलों में जमानत मिल गई है।

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यासीन मलिक भुगत रहा आजीवन कारावास की सजा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यासीन ने साल 1988 में JKLFY की स्थापना की थी। 1988 से 1994 तक POK, गिलगित, बाल्टिस्तान को जम्मू-कश्मीर के साथ जोड़कर स्वतंत्र कश्मीर की स्थापना करने के लिए सशस्त्र उग्रवाद संगठन का चुना हुआ रास्ता था। 1990 में उसने श्रीनगर के रावलपोरा में 4 भारतीय वायुसेना के अधिकारियों की हत्या कर दी थी। गवाहों ने मुख्य शूटर के रूप में यासीन मलिक की शिनाख्त की थी। NIA द्वारा जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद टेरर फंडिंग मामले में मई 2022 में यासीन को आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई गई थी।

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Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Oct 05, 2024 01:47 PM

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