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कौन थे सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम? जिनकी नौसेना ने उपमहाद्वीप का बदला इतिहास, पीएम मोदी ने जारी किया सिक्का

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तिरुचिरापल्ली जिले के गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर पहुंचे और तिरुवथिरई महोत्सव में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती पर उनके सम्मान में एक स्मारक सिक्का जारी किया। इस दिन को दक्षिण-पूर्व एशिया की ऐतिहासिक समुद्री जीत के 1000 हजार साल पूरे होने की वर्षगांठ के तौर पर मनाया जा रहा है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Md Junaid Akhtar Updated: Jul 27, 2025 19:22
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पीएम मोदी सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम के नाम से सिक्का किया जारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार से तमिलनाडु दौरे पर हैं। रविवार को पीएम मोदी तिरुचिरापल्ली जिले के गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर पहुंचे और तिरुवथिरई महोत्सव में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम की जयंती पर उनके सम्मान में एक स्मारक सिक्का जारी किया। इस दिन को दक्षिण-पूर्व एशिया की ऐतिहासिक समुद्री जीत के 1000 हजार साल पूरे होने की वर्षगांठ के तौर पर मनाया जा रहा है। आइए आपको बताते हैं कौन थे समुद्र के शासक सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम?

कौन थे सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम?

सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम को समुद्र का शासक भी कहा जाता है। उन्हें भारतीय इतिहास के सबसे शक्तिशाली और दूरदर्शी शासकों में से एक गिना जाता है। राजेंद्र चोल प्रथम के समय चोल साम्राज्य ने दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में अपना प्रभाव काफी बढ़ाया। उनका उस समय समुद्र के एक बड़े हिस्से पर कब्जा था। राजेंद्र चोल प्रथम गंगईकोंडा चोलापुरम को राजधानी के रूप में स्थापित किया। उसी समय राजधानी में भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया। माना जाता है कि ये मंदिर कई सदी तक शैव भक्ति, अद्भुत चोल वास्तुकला और प्रशासनिक कौशल का प्रतीक रहे हैं।

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सम्राट की नौसेना ने उपमहाद्वीप का बदला था इतिहास

दरअसल सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम के पास एक मजबूत नौसेना थी। इस सेना का समुद्र पर राज था। इसी सेना की बदौलत सम्राट ने उपमहाद्वीप के इतिहास को बदल दिया था। अपनी इस नौसेना के सहारे सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम ने इंडोनेशिया में श्रीविजय वंश के राजा विजयतुंगवर्मन पर एक ही समय समुद्र के 14 अलग-अलग जगहों से एक साथ आक्रमण किया था। इस युद्ध में सम्राट की सेना के पास बड़ी-बड़ी नाव मौजूद थी। इस पर हाथी और भारी पत्थर फेंकने वाले मंजीरे लदे हुई थे। इसके जरिए सम्राट ने राजा विजयतुंगवर्मन को आसानी से हराकर उसे बंदी बना लिया। इसी तरह सम्राट ने कई युद्ध जीते थे।

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यूनेस्को धरोहर में शामिल हैं मंदिर

सम्राट राजेंद्र चोल प्रथम के राज में बने ये मंदिर आज यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल हैं। ये मंदिर जटिल मूर्तियों, चोल कांस्य और प्राचीन शिलालेखों के लिए प्रसिद्ध है। बता दें किआदि तिरूवथिरई उत्सव समृद्ध तमिल शैव भक्ति परंपरा का भी जश्न मनाता है।

चोल साम्राज्य पर बन चुकी है मूवी

साउथ सिनेमा के मशहूर निर्देशक मणिरत्नम चोल साम्राज्य पर दो पार्ट में मूवी बना चुके हैं। पोन्नियिन सेल्वन के नाम पर पार्ट 1 और 2 करके ये मूवी रिलीज हुई थीं। जिसमें चोल साम्राज्य के गौरवशाली इतिहास को दिखाया गया था। इस मूवी के दोनों काफी हिट रहे थे।

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First published on: Jul 27, 2025 07:05 PM

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