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क्या होते हैं डिफेंस अताशे? ऑपरेशन सिंदूर पर नेवी अफसर के बयान से चर्चा में आया पद

Defense Attache Explainer: इंडोनेशिया में भारतीय डिफेंस अताशे नेवी अफसर कैप्टन शिव कुमार ने ऑपरेशन सिंदूर पर एक विवादित बयान दिया। इसके बाद डिफेंस अताशे पद की काफी चर्चा हो रही है। आइए इस पद के बारे में विस्तार से जानते हैं...

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Jun 30, 2025 08:36
Defense Attache | Operation Sindoor | Indian Navy
इंडोनेशिया में डिफेंस अताशे नेवी अफसर कैप्टर शिव कुमार ने ऑपरेशन सिंदूर पर बयान दिया है।

What Are Defense Attache: भारतीय नौसेना के डिफेंस अताशे कैप्टन शिव कुमार ने इंडोनेशिया में ऑपरेशन सिंदूर पर एक बयान दिया। उनके बयान ने ऐसा बवाल मचाया कि भारतीय दूतावास और रक्षा मंत्रालय को बचाव करना पड़ा। कैप्टन कुमार के विवादित बयान के बीच डिफेंस अताशे शब्द भी चर्चा में आया, जो एक प्रकार का पद है और पिछले साल ही अस्तिस्व में आया। भारत ने पिछले साल पहली बार दुनियाभर के कई देशों में अपने डिफेंस अताशे नियुक्त किए थे। आइए जानते हैं कि डिफेंस अताशे क्या होते हैं? क्या काम करते हैं और क्यों नियुक्त किए गए हैं?

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क्या होते हैं और क्या करते हैं?

डिफेंस अताशे भारतीय सशस्त्र बलों के सदस्य होते हैं। भारतीय दूतावास या भारतीय उच्चायोग में तैनात एक्सपर्ट होते हैं। इनकी विशेषज्ञता किसी क्षेत्र में होती है और अपने पद पर रहते हुए हुए दूतावास या उच्चायोग को उस विशेष क्षेत्र से जुड़ी सलाह देते हैं। जरूरत पड़ने पर भारत के हितों को ध्यान में रखते हुए मदद भी करते हैं। राजनीतिक मामलों के अलग, आर्थिक मामलों के अलग, रक्षा मामलों के अलग अताशे होते हैं। संविधान के अनुच्छे 7 में डिफेंस अताशे के पद का जिक्र किया गया है। इनका मुख्य काम देश के रक्षा हितों की सुरक्षा करना, द्विपक्षीय सैन्य ओर रक्षा संबंधों को बढ़ावा देना है।

कहां-कहां किए गए नियुक्त?

अफ्रीकी देशों, इंडोनेशिया, मोजाम्बिक, इथियोपिया, आइवरी कोस्ट, फिलीपींस, पोलैंड, आर्मेनिया समेत कई देशों में वर्तमान में डिफेंस अताशे नियुक्त किए गए हैं। नाटो, यूरोपीय संघ या संयुक्त राष्ट्र संघ में अलग से डिफेंस अताशे नियुक्त किए गए हैं।

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क्यों अस्तित्व में आया पद?

अफ्रीकी और दक्षिणी सागर में चीन अपना सैन्य प्रभाव बढ़ा रहा है। चीन दुनियाभर के कई देशों में अपने सैन्य ठिकाने भी बना चुका है और बना रहा है। चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए और चीन को कूटनीतिक टक्कर देने के लिए दुनियाभर के देशों से संबंध, संपर्क और साझेदारी बढ़ा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार ने डिफेंस अताशे नियुक्त करने का फैसला किया, ताकि विभिन्न देशों के साथ भारत के रणनीतिक संबंध और रक्षा सहयोग में मजबूती आए।

कैसे होती है नियुक्ति?

डिफेंस अताशे का सेलेक्शन देश की वरिष्ठता के अनुसार होती है। जैसे अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान आदि बड़े देश हैं और भारत के लिए महत्वपूर्ण भी है। इन देशों में डिफेंस अताशे नियुक्त करने के लिए फ्लैग रैंक अफसरों यानी वन स्टार रैंक के ब्रिगेडियर सेलेक्ट किए जाते हैं। वायुसेना और नौसेना से भी रैंक वन के अफसर ही चुने जाते हैं। अन्य देशों के लिए कर्नल रैंक के अफसर को इस पद पर निुयक्त किया जाएगा। डिफेंस अताशे का सेलेक्शन टफ प्रोसेस है। सेलेक्शन होने के बाद पद की जिम्मेदारी लेने के लिए आवश्यक ट्रेनिंग भी दी जाती है। डिफेंस अताशे की पोस्टिंग 3 साल के लिए होती है।

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क्या कहा था कैप्टन शिव कुमार ने?

इंडोनेशिया में भारतीय डिफेंस अताशे नेवी अफसर कैप्टन शिव कुमार हैं। उन्होंने गत 10 जून को जकार्ता में एक यूनिवर्सिटी में आयोजित सेमिनार में लेक्चर दिया था। सेमिनार का विषय ‘भारत-पाक वायु युद्ध और इंडोनेशिया की सामरिक रणनीति’ था। इस विषय पर बोलते हुए कैप्टन शिव कुमार ने कहा कि जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ था तो भारतीय वायुसेना को पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर अटैक करने की परमिशन नहीं थी। सिर्फ टेरर साइट्स पर हमला करना था। ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने कई लड़ाकू विमान खोए हैं। उनके इस बयान पर ही विवाद खड़ा हुआ है।

First published on: Jun 30, 2025 08:24 AM

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