Vande Mataram: शीतकालीन सत्र में सोमवार को संसद में वंदे मातरम् पर चर्चा हुई। पीएम मोदी के संबोधन से इसका शुभारंभ हुआ। पीएम मोदी ने वंदे मातरम् की शुरुआत से लेकर अब तक के वंदेमातरम् के इतिहास का जिक्र किया।
पीएम मोदी ने कहा कि जब वंदे मातरम के 50 वर्ष पूरे हुए, तब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था। जब वंदे मातरम के 100 वर्ष पूरे हुए, तब भारत आपातकाल के चंगुल में था। उस समय देशभक्तों को जेल में डाल दिया गया था। जिस गीत ने हमारे स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया, दुर्भाग्य से, भारत एक काले दौर से गुजर रहा था। वंदे मातरम के 150 वर्ष उस गौरव और हमारे अतीत के उस महान हिस्से को पुनः स्थापित करने का एक अवसर है। इस गीत ने हमें 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि वंदे मातरम एक मंत्र है, एक नारा है जिसने स्वतंत्रता आंदोलन को ऊर्जा दी, प्रेरणा दी, और त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया। यह गर्व की बात है कि हम वंदे मातरम के 150 वर्ष के साक्षी बन रहे हैं। यह एक ऐतिहासिक क्षण है।
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कहा कि यह एक ऐसा कालखंड है जब कई ऐतिहासिक घटनाओं को मील के पत्थर के रूप में मनाया जा रहा है… हमने हाल ही में अपने संविधान के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाया। देश सरदार पटेल और बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहा है। हम गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस भी मना रहे हैं। अब हम वंदे मातरम के 150 वर्ष मना रहे हैं।










