पणजी (गोवा): कश्मीर में हिंदुओं पर हुए अत्याचार को ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म ने विश्वभर में उजागर किया। इसके बाद ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म ने ‘लव जिहाद’ के जरिए हिंदू लडकियों को धर्मांतरित कर उन्हें जिहादी आतंकवाद के लिए इस्तेमाल में लाने का षड्यंत्र सार्वजनिक किया। गोवा में भी पुर्तगालियों ने ‘इन्क्विजीशन’ के नाम पर जनता पर जो अमानवीय अत्याचार किए, उन्हें भी देश के कोने-कोने तक पहुंचाना जरूरी है।
गोवा के वास्तविक इतिहास से अवगत होना जनता का मूलभूत अधिकार है। ईसाई धर्मगुरु पोप विश्वभर में अनेक स्थानों पर जाकर ईसाइयों द्वारा किए गए अत्याचारों के लिए सार्वजनिक रूप से क्षमायाचना करते हैं। फिर गोवा की जनता से उन्होंने अब तक क्षमा क्यों नहीं मांगी? गोवा का वह काला इतिहास अधिक समय तक जनता से छिपाकर नहीं रखा जा सकता।
हिंदू जनजागृति समिति ने की प्रेसवार्ता
‘कश्मीर फाइल्स’ की तरह ‘गोवा फाइल्स’ पर भी चर्चा हो, जिससे हिंदू राष्ट्र स्थापना के आंदोलन में गति आए। इसलिए प्रतिवर्ष 16 से 22 जून 2023 तक ‘श्री रामनाथ देवस्थान’, फोंडा, गोवा में एकादश ‘अखिल भारतीय हिंदू राष्ट्र अधिवेशन’ अर्थात ‘वैश्विक हिंदू राष्ट्र महोत्सव’ आयोजित किया गया है।
ये जानकारी जानकारी हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने दी। ‘होटल डेलमन’ में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में हिंदू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाल, सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस और हिंदू विधिज्ञ परिषद के गोवा राज्य सचिव अधिवक्ता नागेश जोशी भी उपस्थित थे।
इस मौके पर रमेश शिंदे ने कहा कि गोवा में पिछले 11 वर्षों से हो रहे ‘अखिल भारतीय हिंदू राष्ट्र अधिवेशन’ के कारण हिंदू राष्ट्र की चर्चा अब केवल भारत में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर होनी शुरू हो गई है। हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले अनेक व्यासपीठ निर्माण हो गए हैं।
वैश्विक हिंदू राष्ट्र महोत्सव की व्यासपीठ, यह एक प्रकार से ‘डिस्मेंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व’ जैसी परिषदों का वैश्विक स्तर पर जवाब है। वर्तमान में देश की परिस्थिति अत्यंत विकट हो गई है। देश में जिहादी आतंकवादियों को बडी संख्या में बंदी बनाया जा रहा है। हिन्दू कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है। मणिपुर, नागालैंड जैसे राज्यों में हिंदुओं के घरों में आग लगाई जा रही है।
देश में हिंदुओं पर हमले और खालिस्तानवाद बढ़ रहा
कश्मीर से धारा 370 हटा ली गई, तब भी वहां हिन्दू सुरक्षित नहीं हैं। पंजाब में खलिस्तानवाद पुलिस-प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं। देशभर में साक्षी, अनुराधा, श्रद्धा वालकर जैसी असंख्य हिंदू लडकियों की ‘लव जिहादियों’ द्वारा नृशंस हत्या हो रही है।
भारत को वर्ष 2047 तक इस्लामी राष्ट्र बनाने का नियोजनबद्ध षड्यंत्र, प्रतिबंधित ‘पीएफआई’ संगठन के दस्तावेजों से उजागर हुआ है। ऐसी स्थिति में हिंदू धर्म ही एकमात्र ऐसा धर्म है, जो देश को एकत्र कर सकता है। विश्वबंधुत्व की ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की संकल्पना प्रस्तुत कर सकता है। इसलिए यदि भारत के दोबारा टुकडे नहीं होने देना है, तो भारत को आदर्श रामराज्य अर्थात हिंदू राष्ट्र बनाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।
मंदिरों में लागू वस्त्रसंहिता अच्छी पहल
‘सनातन संस्था’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस ने कहा कि पिछले साल हिंदू अधिवेशन में निर्धारित ‘मंदिर संस्कृति रक्षण’ की नीतियों के अनुसार 12 नवंबर 2022 में म्हापसा (गोवा) में और 4-5 फरवरी 2023 में जलगांव (महाराष्ट्र) में ‘राज्यस्तरीय मंदिर परिषदों’ का आयोजन किया गया है। महाराष्ट्र में मंदिर विश्वस्तों द्वारा स्थापित ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ की ओर से महाराष्ट्रभर के मंदिरों में वस्त्रसंहिता लागू करने का उपक्रम शुरू है।
अब तक 131 से भी ज्यादा मंदिरों में वस्त्रसंहिता लागू की गई है और देशभर में इसका अनुशरण हो रहा है। उत्तराखंड राज्य में भी तीन मंदिरों ने इसका अनुशरण किया है। महाराष्ट्र के साथ ही गोवा, कर्नाटक, छत्तीसगढ, दिल्ली आदि राज्यों में भी इसी प्रकार राज्यस्तरीय मंदिर परिषदों का भविष्य में आयोजन किया जाएगा।
इन देशों से हिंदू प्रतिनिधि भी होंगे शामिल
इस मौके पर हिंदू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाल ने कहा कि इस ‘वैश्विक हिंदू राष्ट्र महोत्सव’ को अमेरिका, इंग्लैंड, बेल्जियम, जर्मनी, सिंगापुर, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल सहित भारत के 28 राज्यों में 350 से ज्यादा हिंदू संगठनों के 1500 से भी अधिक प्रतिनिधियों को निमंत्रित किया गया है।
इस अधिवेशन के लिए वीर सावरकर के नाती रणजित सावरकर, काशी-ज्ञानवापी मुक्ति के लिए कानूनी लड़ाई लडने वाले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, तेलंगाना के हिंदुत्वनिष्ठ विधायक टी. राजा सिंह, ‘हिंदू इकोसिस्टम’ के संस्थापक कपिल मिश्रा, ‘विश्व हिंदू परिषद’ के संपर्क प्रमुख धर्माचार्य जनार्दन महाराज मेटे, ‘भारत माता की जय’ संगठन के सुभाष वेलिंगकर के साथ अनेक उद्योगपति, विचारक, लेखक, मंदिर विश्वस्त, समविचारी सामाजिक, राष्ट्रीय एवं आध्यात्मिक संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित होंगे।
इन विशेष मुद्दों पर होगी चर्चा
इस अधिवेशन में राष्ट्रीय स्तर, राज्य और जिला स्तर पर हिंदू संगठनों के एकत्रीकरण से ‘हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति’ स्थापित करने के लिए प्रत्यक्ष नियोजन किया जाएगा। समान कृति कार्यक्रम के तहत ‘लव जिहाद’, ‘हलाल सर्टीफिकेशन’, ‘मंदिरों की मुक्ति’, ‘घरवापसी’ आदि विषयों पर चर्चा की जाएगी। अधिवेशन में विविध परिसंवादों का आयोजन किया गया है। उसमें मंदिरों का सुप्रबंधन, ‘अभिव्यक्ति – स्वतंत्रता या दायित्व?’ आदि विषयों पर परिसंवाद होगा।
इस अधिवेशन में अमरावती के कौंडण्यपुर के ‘विदर्भ रुक्मिणी पीठ’ के अनंत विभूषित जगद्गुरु रामानंदचार्य श्री स्वामी रामराजेश्वराचार्यजी सरकार, ‘विश्व हिंदू परिषद’ के देवगिरी प्रांत के संपर्क प्रमुख धर्माचार्य जनार्दन महाराज मेटे, ‘‘इंटरनैशनल वेदांत सोसाइटी’ के स्वामी निर्गुणानंदगिरी महाराज, छत्तीसगढ के ‘‘श्री जामडी पाटेश्वरधाम सेवा संस्थान’ के संचालक श्रीरामबालकदास महात्यागी महाराज, त्रिपुरा के ‘शांति काली आश्रम’ के स्वामी चित्तरंजन महाराज आदि संतों की वंदनीय उपस्थिति भी इस अधिवेशन में होगी ।
इस अधिवेशन का सीधा प्रक्षेपण हिन्दू जनजागृति समिति के जालस्थल HinduJagruti.org द्वारा, इसके साथ ही समिति के ‘HinduJagruti’ इस ‘यू-ट्यूब’ चैनल एवं facebook.com/hjshindi1 इस फेसबुक द्वारा भी किया जानेवाला है । जगभर के हिन्दुत्वनिष्ठ इस ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’का लाभ लें, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से किया गया ।