Jammu Kashmir Security Situation: केंद्रीय गृह मंत्रालय मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक करने जा रहा है। उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक आज दोपहर नई दिल्ली में गृह मंत्रालय में होगी।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक हाईब्रिड मोड में होगी। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला बैठक की अध्यक्षता करेंगे और आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य पर चर्चा करेंगे।
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प्रदेश के शीर्ष पुलिस अधिकारी रहेंगे मौजूद
जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय आज केंद्र शासित प्रदेश के शीर्ष पुलिस और खुफिया अधिकारियों के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्रोन खतरों के विशेष संदर्भ में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और विकास कार्यों की उच्च स्तरीय समीक्षा करेगा।
A high-level security review meeting begins in the Ministry of Home Affairs. Union Home Secretary Ajay Bhalla is chairing the meeting to discuss internal security along with the current security scenario in Jammu and Kashmir.
— ANI (@ANI) December 6, 2022
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अक्टूबर के पहले सप्ताह में केंद्र शासित प्रदेश की यात्रा के बाद जम्मू और कश्मीर पर यह पहली वरिष्ठ स्तर की सुरक्षा समीक्षा बैठक होगी। हालांकि, पिछले महीने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी और उन्हें जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा और विकास परिदृश्य के बारे में जानकारी दी थी।
मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह और खुफिया प्रमुख रश्मि रंजन स्वैन सहित अन्य जम्मू-कश्मीर से बैठक में भाग लेंगे क्योंकि यूटी के गृह सचिव आरके गोयल छुट्टी पर हैं। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, जम्मू-कश्मीर के प्रभारी भी बैठक में शामिल होंगे, जिसके दो घंटे तक चलने की उम्मीद है।
सीएपीएफ के सीनियर अधिकारी भी हो सकते हैं शामिल
नई दिल्ली से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल हो सकते हैं।
सूत्रों ने कहा, ‘बैठक में जम्मू-कश्मीर में विकास परिदृश्य और सुरक्षा स्थिति के सभी पहलुओं की समीक्षा की जाएगी।’
जबकि केंद्र प्रायोजित योजनाओं और प्रधानमंत्री के विकास पैकेज के तहत वित्त पोषित सहित जम्मू और कश्मीर में विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं, बैठक का फोकस सुरक्षा स्थिति पर होगा।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय जम्मू और पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आतंकवादियों के लिए पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हथियारों, नशीले पदार्थों और मुद्रा की तस्करी की बढ़ती चुनौती से चिंतित है। ड्रोन नियमित रूप से पंजाब में देखे जा रहे हैं और उनमें से कई को मार गिराया गया है। जम्मू क्षेत्र के सांबा जिले में पुलिस ने हाल ही में ड्रोन के जरिए गिराए गए हथियारों, विस्फोटकों और नकदी की एक खेप बरामद की थी।
टार्गेट किलिंग मामलों की भी हो सकती है समीक्षा
सूत्रों ने कहा, “बढ़ते ड्रोन खतरों से निपटने के लिए कुछ उपायों पर बैठक में चर्चा और अपनाए जाने की संभावना है।”
ड्रोन खतरों के अलावा, अल्पसंख्यकों और गैर-स्थानीय लोगों की लक्षित हत्याओं की भी समीक्षा की जाएगी, हालांकि पिछले कुछ दिनों में ऐसी किसी भी हत्या की सूचना नहीं मिली है। केंद्र सरकार लक्षित हत्याओं का अंत चाहती है।
बता दें कि कुछ दिन पहले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ऐलान किया था कि जब तक आखिरी आतंकी, उनके आकाओं और पूरे इकोसिस्टम को जम्मू-कश्मीर की धरती से खत्म नहीं कर दिया जाता, तब तक आतंकवाद विरोधी अभियान जारी रहेगा। यह भी बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान केंद्र शासित प्रदेश में चल रहे विकास कार्यों की भी समीक्षा की जा सकती है।
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