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‘चुनावी वादों के लिए पैसा है, जजों की सैलरी के लिए नहीं…’, दिल्ली चुनाव से पहले SC ने राज्यों को क्यों लगाई फटकार?

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने जजों के वेतन-पेंशन मामलों में देरी को लेकर राज्य सरकारों को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि जजों की सैलरी के समय वित्तीय संकट का रोना रोया जाता है।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Jan 7, 2025 21:24
Supreme Court
Supreme Court (File Photo)

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने जजों के वेतन और पेंशन मामलों में देरी को लेकर कड़ी आपत्ति जाहिर की है। वेतन मामलों को लेकर सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय की एक बेंच ने कहा कि जब जजों को वेतन देने की बात आती है तो राज्य सरकारें वित्तीय संकट का हवाला देती हैं। इन सरकारों के पास चुनावी वादों को पूरा करने के लिए धन है। ये राज्य मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए पैसे खर्च कर सकते हैं, लेकिन इनके पास जजों को सैलरी और पेंशन देने के लिए फंड नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर की जा रहीं विभिन्न घोषणाओं का जिक्र भी किया, जहां कोई दल 2500 तो कोई 2100 रुपये महीने देने का वादा कर रहा है।

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सर्वोच्च न्यायालय में All India Judges Association ने 2015 में जजों की सैलरी व रिटायरमेंट बेनिफिट्स को लेकर एक अपील दायर की थी। इसमें कहा गया था कि समय पर न तो उनको वेतन मिलता है और न ही रिटायरमेंट से जुड़े दूसरे लाभ मिल पाते हैं। इस मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस एजी मसीह और बीआर गवई की बेंच ने तल्ख टिप्पणियां कीं। बेंच ने कहा कि जब जजों को वेतन देने की बात आती है तो राज्य सरकारें फंड न होने की बातें करती हैं। वहीं, चुनाव के समय लाडली बहना और दूसरी योजनाओं को लागू करने जैसे वादे किए जाते हैं। अगर दिल्ली चुनाव में भी देखें तो पार्टियां सत्ता में आने पर 2100-2500 रुपये प्रति महीने देने की बातें कर रही हैं।

‘हमारी बात पर भी गौर किया जाए’

जस्टिस गवई ने कहा कि राज्यों के पास उन लोगों के लिए धन है, जो कोई काम नहीं करते हैं। लेकिन जब हम वित्तीय बाधाओं की बात करते हैं तो इस पर भी गौर किया जाना चाहिए। चुनाव आते ही आप लोग मुफ्त की योजनाओं की बातें शुरू कर देते हैं। इन योजनाओं के लिए आपको निश्चित राशि का भुगतान करना होता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब किसी पार्टी ने घोषणा की है कि वे अगर सत्ता में आए तो हर महीने 2500 रुपये का भुगतान करेंगे।

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First published on: Jan 07, 2025 09:24 PM

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