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विधवा के मेकअप पर टिप्पणी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा ऑर्डर; जानें क्या है पूरा मामला…

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आरोपियों द्वारा हत्या किए जाने को साबित करने के लिए कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य रिकार्ड में नहीं है। महज कुछ मेकअप का सामान इस बात का सबूत नहीं हो सकता कि महिला उस मकान में रह रही थी।

Edited By : Amit Kasana | Updated: Sep 25, 2024 22:40
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Supreme Court
Supreme Court (File Photo)

Supreme Court:विधवा और मेकअप पर हाई कोर्ट की टिप्पणी को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को “अत्यधिक आपत्तिजनक” बताया है। दरअसल, एक मामले में पटना हाई कोर्ट ने कहा था कि विधवा को मेकअप करने की जरूरत नहीं है। अपने एक ऑर्डर पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट की ऐसी टिप्पणी एक अदालत से एक्सपेक्टेड सेंसिटिविटी और न्यूट्रैलिटी के अनुरूप नहीं है।

ये है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार पेश मामले में सुप्रीम कोर्ट 1985 के एक हत्या मामले में पटना हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रहा था। इस मामले में एक महिला का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि यह हत्याकांड जमीन पर कब्जा करने के लिए की गई थी। बता दें इस मामले में हाई कोर्ट ने 5 लोगों की सजा को बरकरार रखा था और 2 अन्य सह-आरोपियों को बरी करने के फैसले को खारिज कर दिया था। इसके अलावा कोर्ट ने दो अन्य व्यक्तियों को दोषी ठहराया था, जिन्हें पहले एक निचली अदालत ने सभी आरोपों से बरी कर दिया था, और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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सुप्रीम कोर्ट ने 7 लोगों को किया बरी

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आरोपियों द्वारा हत्या किए जाने को साबित करने के लिए कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य रिकार्ड में नहीं है। महज कुछ मेकअप का सामान इस बात का सबूत नहीं हो सकता कि महिला उस मकान में रह रही थी, जबकि वहां एक अन्य महिला भी रहती थी। कोर्ट ने मामले में सातों आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया है।

गवाही के आधार पर हाई कोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंचा था

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट ने इस सवाल की जांच की थी कि क्या पीड़िता वास्तव में उस घर में रह रही थी, जहां से उसका कथित तौर पर अपहरण किया गया था। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि महिला के मामा और बहनोई तथा जांच अधिकारी की गवाही के आधार पर हाई कोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंचा था कि पीड़िता उक्त घर में रह रही थी।

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हाई कोर्ट की टिप्पणी केवल कानूनी रूप से अस्थिर और आपत्तिजनक

पीठ ने कहा कि जांच अधिकारी ने घर का निरीक्षण किया था और कुछ मेकअप के सामान को छोड़कर कोई ऐसी चीज नहीं मिली कि पीड़िता वास्तव में वहां रह रही थी। जांच में कहा गया कि एक अन्य महिला, जो विधवा थी भी मकान के उसी हिस्से में रहती थी। पीठ ने कहा कि हाई कोर्ट ने इस तथ्य पर ध्यान दिया था, लेकिन यह कहकर इसे टाल दिया कि चूंकि दूसरी महिला विधवा थी, इसलिए “मेकअप का सामान उसका नहीं हो सकता था, क्योंकि विधवा होने के कारण उसे मेकअप करने की कोई आवश्यकता नहीं थी।” पीठ ने अपने फैसले में कहा, “हमारे विचार में, हाई कोर्ट की टिप्पणी न केवल कानूनी रूप से अस्थिर है, बल्कि अत्यधिक आपत्तिजनक भी है।

 

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Edited By

Amit Kasana

First published on: Sep 25, 2024 10:24 PM

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