Heeramandi, Sonagachi: मशहूर फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली की सीरीज ‘हीरामंडी’ के रिलीज होने में अब बस कुछ ही समय रह गया है। फैंस बेसब्री से इस सीरीज के रिलीज होने का इंतजार कर रहे हैं। ‘हीरामंडी’…. पाकिस्तान का ‘शाही मोहल्ला’, जो बना तवायफों की जिस्मफरोशी का अड्डा। सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं हिंदुस्तान के कोलकाता में भी एक ऐसी ‘बदनाम गली’ है, जहां ‘हीरामंडी’ की तरह ही ‘जिस्म का बाजार’ सजता है।
‘हीरामंडी’ और ‘सोनागाछी’
एशिया का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया, जहां का नाम भी लोग दबी आवाज में लेते हैं। जी हां, संजय लीला भंसाली पाकिस्तान के एक मोहल्ले ही कहानी दिखाने जा रहें हैं, लेकिन हिंदुस्तान की वो गली, जो भारत के पश्चिम बंगाल में है और उसका नाम है ‘सोनागाछी’। वैसे अगर ‘सोनागाछी’ के मीनिंग की बात करें तो इसका अर्थ होता है ‘सोने का पेड़’, लेकिन ‘सोनागाछी’ की औरतों के लिए तो जैसे कोई श्राप है।
Born Into Brothels
रिपोर्ट्स की मानें तो ऐसा बताया जाता है कि अंग्रेजी शासन के दौरान ‘सोनागाछी’ का जन्म हुआ था। उस समय अधिकारियों और सैनिकों का दिल बहलाने के लिए यहां ‘देह व्यापार’ शुरू हो गया और ये धीरे-धीरे मशहूर होता चला गया। ये इतना फेमस हुआ कि इस पर Born Into Brothels नाम की एक डॉक्यूमेंट्री भी बना दी गई। ये दर्शकों को इतनी पसंद आई थी कि इसने ‘ऑस्कर’ भी अपने नाम कर लिया।
छोटी उम्र में धंधे पर लगा दिया जाता है
‘सोनागाछी’ को लेकर कहा जाता है कि यहां पर बेहद छोटी उम्र से धंधे पर लगा दिया जाता है। कुछ रिपोर्ट्स में तो यहां तक कहा गया कि जैसे ही बच्ची का जन्म होता है तो उसे इस काले धंधे की ओर भेज दिया जाता है। इतना ही नहीं ये एक ऐसी जगह है, जहां कोई भी अनजान आदमी नहीं जा सकता। गलती से चला भी जाए, तो वहां के लोग उन्हें देखकर दरवाजा बंद कर लेते हैं, जिससे ना तो कोई वहां की फोटो ले पाया, ना वहां के बारे में कोई जानकारी। रिपोर्ट्स की मानें तो आज भी वहां 14 हजार से ज्यादा औरतें इस काम को करती हैं।
कैसे पड़ा ‘सोनागाछी’ नाम?
‘सोनागाछी’ के नाम के पीछे भी एक इतिहास है। जी हां, ऐसे ही नाम नहीं पड़ा। बहुत कम लोग हैं, जो इसके बारे में जानते हैं। बता दें कि ‘सोनागाछी’ कोलकाता के चितरंजन ऐवन्यू में स्थित है। हिस्टोरियन पीटी नायर ने भी इसका जिक्र अपनी किताब में किया है। नायर के अनुसार, सनाउल्लाह नाम का एक डाकू अपनी मां के साथ 300 साल पहले यहां रहा करता था। जब उसकी मौत हो गई थी तब उसकी मां की रोने की आवाजें आया करती थी, तब वो अपनी मां से कहा करता था कि मां तुम रोती क्यों हो? मैं गाजी बन गया हूं।
‘सोना गाजी’ से ‘सोनागाछी’
इतना ही नहीं फिर उसकी मां ने अपने बेटे की याद में एक खूबसूरत मस्जिद बनवाई, जिसका नाम रखा गया ‘सोना गाजी’, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, वैसे-वैसे वो आलीशान मस्जिद एक खंडहर बन गई और इस गली का नाम पड़ गया ‘सोना गाछी’। अब ये दुनियाभर में मशहूर है और यहां का नाम भी बहुत से लोग तो लेने से डरते हैं।
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