Sabse Bada Sawal, 31 May 2023: नमस्कार, मैं हूं संदीप चौधरी। आज सबसे बड़ा सवाल में मैं बात करने वाला हूं गरीबी की। इस पर बात क्यों? जब देश आजाद हुआ और आजादी के बाद भी पढ़ाया जाता था कि भारत संसाधनों के हिसाब से एक अमीर मुल्क है लेकिन बाशिंदे गरीब हैं। अब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना चुके हैं। हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। फिर गरीबी पर चर्चा क्यों?
मैंने गरीबी पर बात शुरू नहीं की है। शुरुआत पीएम मोदी ने की। पीएम मोदी राजस्थान में थे। उन्होंने देश पर 55 साल राज करने वाली कांग्रेस पर गरीबी को लेकर निशाना साधा। कहा कि 50 साल पहले कांग्रेस ने गरीबी हटाओ की गारंटी दी थी। कांग्रेस को गांरटी देने की आदत है, लेकिन पूरा नहीं कर पाते हैं। दावा किया गया कि मोदीराज में अतिगरीबी खत्म होने वाली है। उन्होंने उदाहरण भी दिया। 18 करोड़ लोगों के पास पेयजल का कनेक्शन नहीं था। 9 करोड़ लोगों को कनेक्शन दे दिए गए। कांग्रेस होती तो 20 साल और लगते। इसमें कोई शक नहीं है कि पीएम मोदी ने पिछले 9 साल में एक लाभार्थी जाति बनाई है। इसमें मुफ्त राशन, आवास आदि योजना है।
उधर, सात समंदर पार राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। मोदी सरकार गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। दरअसल, 2024 चुनाव को गरीबी बनाम अमीर का मुद्दा बनाया जा रहा है। कर्नाटक चुनाव के बाद भी कुछ ऐसे बयान आए हैं। कर्नाटक में पांच गारंटियां दी गई थीं। इसमें पुरानी पेंशन भी जुड़ जाती है।
आज की तारीख में देश में 22 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं। सरकार ने आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं। यह बात कई दफा संघ नेता दत्तात्रेय होसबोले ने कहा है। आज 80 करोड़ लोग मुफ्त राशन पर निर्भर हैं। गरीबी के आंकड़े डराते हैं। तो आज का सबसे बड़ा सवाल यही है कि 2024 की लड़ाई…गरीबी पर आई? क्या मोदीराज में गरीबी घटी या बढ़ी? देखिए संदीप चौधरी के साथ बड़ी बहस
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