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जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा का निधन, मुंबई के अस्पताल में ली आखिरी सांस

Ratan Tata Death: टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई के अस्पताल में आखिरी सांस ली। उनके निधन से लोगों को एक बड़ा झटका लगा है।

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Oct 10, 2024 00:18
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Ratan Tata
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Ratan Tata Death: मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। उन्हें तबीयत बिगड़ने पर बुधवार को ICU में एडमिट कराया गया था। उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। इससे पहले वह सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। हालांकि तब उन्होंने बयान जारी कर कहा था कि उन्हें रुटीन चेकअप के लिए भर्ती कराया गया था। रतन टाटा की उम्र 86 साल थी। उनके निधन ने देश शोक में है। उनके निधन ने उद्योग जगत से लेकर राजनीतिक जगत को स्तब्ध कर दिया है।

पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

पीएम मोदी ने रतन टाटा के निधन पर दुख जताया। उन्होंने एक्स पर लिखा- रतन टाटा जी एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया। अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के कारण वह कई लोगों के प्रिय थे।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जताया दुख 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके निधन पर दुख जताया। उन्होंने एक्स पर लिखा- रतन टाटा के निधन से दुःख हुआ। वह भारतीय उद्योग जगत के महान नायक थे जिन्हें हमारी अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए जाना जाता है। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। उसकी आत्मा को शांति मिले।

हर्ष गोयनका ने साझा की खबर 

जाने-माने उद्योगपति हर्ष गोयनका ने उनके निधन की खबर एक्स पर साझा की। उन्होंने लिखा- घड़ी ने टिक-टिक बंद कर दी है। टाइटन का निधन हो गया। Ratan Tata ईमानदारी, नैतिक नेतृत्व और परोपकार की एक मिसाल थे, जिन्होंने व्यापार और उससे परे की दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ी है। वह हमारी स्मृतियों में सदैव ऊंचा रहेंगे।

1991 में बनाए गए थे कंपनी के चेयरमैन 

बता दें कि रतन टाटा को 1991 में टाटा कंपनी की कमान मिली थी। वे कंपनी के अध्यक्ष बनाए गए थे। उन्होंने अपने परदादा और टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा की 100 साल की विरासत को आगे बढ़ाते हुए टाटा समूह को 2012 तक सफलतापूर्वक चलाया। हालांकि बाद में उन्होंने 28 दिसंबर 2012 को रिटायरमेंट लिया था। अपने कार्यकाल के दौरान वह टाटा समूह को नई ऊंचाइयों तक ले गए। समूह ने कई नई पहल कीं और आय में भी काफी बढ़ोतरी हुई थी। रिटायरमेंट के बाद वह टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा संस, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और टाटा केमिकल्स के मानद चेयरमैन की उपाधि दी गई। फिलहाल समूह की कमान एन चंद्रशेखरन के हाथों में है।

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Edited By

Pushpendra Sharma

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Pushpendra Sharma

First published on: Oct 09, 2024 11:53 PM

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