Qatar Ex Navymen Death Sentence Case, नई दिल्ली: जासूसी के आरोप में पकड़े गए हों या किसी और जुर्म में सजा मिली हो, पर मौत की इस सजा को किसी भी सूरत में सिरे नहीं चढ़ने दिया जाएगा। कतर में एक भी भारतीय की जान नहीं जाएगी। यह ऐलान है देश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (BJP) का। शुक्रवार को इस संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने नेतृत्व की तरफ से कानूनी लड़ाई लड़कर सभी आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को वतन वापस लाने का भरोसा दिया है।
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टेक्नोलॉजी और कंसल्टेसी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी अल दहरा में काम करते थे इंडियन नेवी से रिटायर्ड आठों लोग
बता दें कि बीते दिन कतर में 8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों को फांसी की सजा का हुक्म सुनाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और रागेश नामक एक अन्य नौसेना से रिटायर होने के बाद दोहा स्थित टेक्नोलॉजी और कंसल्टेसी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी अल दहरा में काम करते थे।
पिछले साल अगस्त में इन आठों भारतीय पूर्व नौसैनिकों के साथ-साथ कंपनी को चला रहे ओमान एयरफोर्स से रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर खमीस अल आजमी को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि नवंबर 2022 में रिहा कर दिया गया, लेकिन बाद में 29 मार्च 2023 को इनके खिलाफ केस ट्रायल शुरू हो गया। 3 अक्टूबर को इस मामले की 7वीं सुनवाई हुई थी। इसके बाद 26 तारीख को इन्हें जासूसी के दोष में फांसी की सजा सुना दी गई।
जानें कौन हैं वो 8 भारतीय, जिन्हें कतर में दी गई मौत की सजा, किस मामले में दी गई इतनी कड़ी सजा?
विदेश मंत्रालय ने दिया था भरोसा
कतर की कोर्ट के फैसले के बाद भारत और इसके करीबी देशों में तनाव का माहौल है। इनके परिवारों ने न्याय की आस लगानी शुरू कर दी है, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इन सभी आठ पूर्व सैनिकों को वतन वापस लाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने शुक्रवार को मीडिया से रू-ब-रू हो भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा इस मसले पर विधिवत तरीके से अपना पक्ष रखे जाने की बात कही है।
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अब भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक बोले-हम इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ेंगे
उल्लेखनीय है कि कल यह चिंताजनक फैसला आने के तुरंत बाद विदेश मंत्रालय पीड़ित परिवारों और कानूनी टीम के संपर्क में होने की बात कही थी। मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि सभी कानूनी विकल्प तलाशे जा रहे हैं। हम इस मामले पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। हम फैसले को कतर के अधिकारियों के समक्ष भी उठाएंगे। अब भाजपा नेता अजय आलोक ने कहा है, ‘हमें यह देखकर आश्चर्य होता है कि ऐसी चीजें भी होती हैं। हम इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय मौजूद है। मुझे लगता है कि भारत सरकार अपना पक्ष रखेगी और हम उन्हें वहां से वापस लाने में जरूर सफल होंगे’।