अमेरिकी टैरिफ के बाद वैश्विक स्तर पर हलचल तेज हो गई है। पीएम मोदी शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर चीन पहुंच गए हैं। यहां पीएम मोदी तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इससे पहले पीएम मोदी 7 साल पहले चीन गए थे। इस दौरान पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से दो बार द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी ने आखिरी बार जून 2018 में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन का दौरा किया था। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अक्तूबर 2019 में दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत का दौरा किया था। पीएम मोदी की यह यात्रा इसलिए और खास और अहम है कि अमेरिकी टैरिफ से भारत और अमेरिका के बीच कुछ दूरियां बढ़ती दिखाईं दे रहीं हैं।
सोमवार को पुतिन से होगी मुलाकात
चीन में आयोजित शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी शामिल होंगे। पीएम मोदी और पुतिन के बीच सोमवार को द्विपक्षीय मुकालात बताई जा रही है। शनिवार रात रिसेप्शन पर सभी राष्ट्र प्रमुख मिलेंगे। वहीं रविवार सुबह पीएम मोदी पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इसके बाद शिखर सम्मेलन में रविवार दोपहर अध्यक्षों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के लिए आधिकारिक स्वागत समारोह का आयोजन किया गया है।
गलवान विवाद के बाद पहली सकारात्मक बैठक
बता दें कि साल 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं में झड़प हुई थी। तब से अब तक दोनों देशों के बीच कोई सकारात्मक बातचीत नहीं हुई है। शिखर सम्मेलन पहला मौका है, जहां गलवान विवाद के बाद पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति के बीच द्विपक्षीय मुलाकात होगी।
यह भी पढ़ें: व्यापार प्रतिबंध विकास में बाधा… चीन दौरे से पहले राष्ट्रपति पुतिन का बयान, पश्चिमी देशों को लगाई फटकार
कथक और ओडिसी नृत्य से हुआ पीएम का स्वागत
चीन के तियानजिन में ओडिसी नर्तकों और कथक नर्तकों ने पीएम मोदी का स्वागत किया है। एक ओडिसी नर्तकी ने कहा कि मैं थोड़ा घबराई हुई थी, लेकिन यह मेरे और मेरी टीम के लिए बड़े सम्मान की बात है। मैंने 13 साल से अधिक समय तक ओडिसी सीखी है। हमने दो महीने तक इसका अभ्यास किया और प्रस्तुति दी।
यह भी पढ़ें: भारत-जापान के संबंध हुए मजबूत, सेमिकंडकटर समेत इन 4 क्षेत्रों में बढ़ेगा सहयोग, SCO समित से पहले पीएम मोदी का दौरा
एससीओ में ये देश भी हैं शामिल?
एससीओ में 10 सदस्य शामिल हैं। भारत के अलावा, बेलारूस, चीन, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान भी शामिल हैं। इसके अलावा कई संवाद साझेदार और पर्यवेक्षक भी हैं। भारत 2017 से एससीओ का सदस्य है और 2005 से पर्यवेक्षक रहा है। अपनी सदस्यता अवधि के दौरान, भारत ने 2020 में एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद और 2022 से 2023 तक एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की अध्यक्षता की है।