Mann Ki Baat August 2025: पीएम मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम के 124वें एपिसोड के जरिए देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने स्पेस, अगस्त क्रांति, महाराष्ट्र के 12 किलो को यूनेस्को की धरोहर घोषित करने, शुभांशु शुक्ला की सफल वापसी और स्पेस साइंटिस्ट को लेकर कई बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने भारत के टेक्सटाइल स्टार्टअप को लेकर भी कई बातें कही।
पीएम मोदी ने कहा कि अगस्त का महीना क्रांति का महीना होता है। भारत को आजादी मिलने के अलावा हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की ओर से भी अगस्त में भारत छोड़ो समेत कई आंदोलन भी शुरू हुए। पीएम ने महाराष्ट्र के 12 किलो को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि हर किले के इतिहास का एक-एक पन्ना जुड़ा है। पीएम ने शिवाजी महाराज के जन्म से जुडे़ शिवनेरी दुर्ग की चर्चा भी कार्यक्रम में की। पीएम ने कहा कि शिवनेरी का दुर्ग इतना विशाल था कि उसे दुश्मन कभी भी भेद नहीं सकता है।
यूनेस्को ने 12 मराठा किलों को वर्ल्ड हैरिटेज साइड्स के रूप में मान्यता दी है। हर किले से इतिहास का एक-एक पन्ना जुड़ा है।
#MannKiBaat pic.twitter.com/3DMYzue3VJ— Vinod Tawde (@TawdeVinod) July 27, 2025
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गोमती की सफाई का किया जिक्र
पीएम मोदी ने आगे कहा कि लखनऊ की गोमती नदी टीम का जिक्र करना भी जरूरी है। पिछले 10 सालों से हर रविवार, बिना थके, बिना रुके, इस टीम के सदस्य सफाई के काम में लगे रहते हैं। छत्तीसगढ़ के बिल्हा का उदाहरण भी बेहतरीन है। यहां महिलाओं को कचरा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया और उन्होंने मिलकर शहर की सूरत बदल दी। गोवा के पणजी शहर का उदाहरण भी प्रेरणा देने वाला है। वहां कचरे को 16 श्रेणियों में बांटा जाता है और उसका नेतृत्व भी महिलाएं कर रही हैं। पणजी को राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका है। सफाई एक बार का, एक दिन का काम नहीं है। जब हम हर दिन, साल के हर पल सफाई को प्राथमिकता देंगे, तभी देश साफ रहेगा।
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अगस्त में खुदीराम बोस को दी गई थी फांसी
पीएम मोदी ने टेक्सटाइल सेक्टर में सांस्कृतिक विविधता की तारीफ भी की। पीएम ने कहा कि आज टेक्सटाइल और मार्केट बहुत तेजी से बढ़ रहा है। आज भारत में 3000 से ज्यादा टेक्सटाइल स्टार्टअप हैं। इसके साथ ही पीएम ने पांडुलिपियों को सहेजा है। भारत सरकार एक मिशन के तहत प्राचीन पांडुलिपियों को डिजिटलाइज करने काम करेगी। बिहार के मुजफ्फरपुर में 12 अगस्त 1908 को भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस को फांसी दी गई थी। लोगों ने जेल को घेर रखा था, उनकी आंखों में आंसू थे। जेल के अंदर अंग्रेज युवा को फांसी देने की तैयारी कर रहे थे।
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