Digital Banking Units: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत की DBT और डिजिटल ताकत को आज पूरी दुनिया सराह रही है। इसे आज एक ग्लोबल मॉडल के रूप में देखा जा रहा है। अभी हाल ही में IMF ने भारत की डिजिटल पेमेंट व्यवस्था को Logistical Marvel कहा है। बता दें कि प्रधानमंत्री ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों को राष्ट्र को समर्पित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपीआई अपने तरह की दुनिया की पहली टेक्नोलॉजी है, लेकिन भारत में आप इसे शहर से लेकर गांव तक शोरूम हो या सब्जी का ठेला हर जगह यूपीआई देख सकते हैं।
पीएम ने कहा कि जब हमने जन-धन अकाउंट की मुहिम शुरू की तब आवाजें उठीं कि गरीब बैंक खाते का क्या करेगा। यहां तक की इस फील्ड के कई एक्सपर्ट भी नहीं समझ पा रहे थे, इस अभियान का महत्व क्या है। लेकिन बैंक खाते की ताकत क्या होती है, ये आज पूरा देश देख रहा है।
हम दिन रात काम कर रहे हैं: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा संकल्प व्यवस्थाओं में सुधार, पारदिर्शता और आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक इसे पहुंचने का है। आज देश में हर एक लाख वयस्क आबादी पर जितनी बैंक शाखाएं मौजूद हैं, वो जर्मनी, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से भी ज्यादा है। हम सामान्य मानवी के जीवन स्तर को बदलने का संकल्प लेकर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि हमने बैंकिग सेवाओं को दूर-सुदूर में, घर-घर तक पहुंचाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। आज भारत के 99% से ज्यादा गांवों में पांच किमी के अंदर कोई न कोई बैंक ब्रांच, बैकिंग आउटलेट या बैंकिंग मित्र मौजूद है। भारत के सामान्य मानवी को सशक्त करना है, उसे मजबूत बनाना है इसलिए हमने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई और पूरी सरकार उसकी सुविधा और प्रगति के रास्ते पर चली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सामान्य मानवी के जीवन को आसान बनाने का जो अभियान देश में चल रहा है, डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स उस दिशा में एक और बड़ा कदम है। ये ऐसी विशेष बैंकिंग व्यवस्था है, जो मिनिमम डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से मैक्सिमम सेवाएं देने का काम करेगी।
डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स की स्थापना का ये है मकसद
बता दें कि डिजिटल बैंकिंग यूनिट (DBU) की स्थापना देश के कोने-कोने में डिजिटल बैंकिंग के लाभों को पहुंचाने के उद्देश्य से की जा रही है। यह योजना सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करेगी। 11 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, 12 निजी क्षेत्र के बैंक और एक लघु वित्त बैंक इस मिशन में भाग ले रहे हैं।
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2022-23 के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा था कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश के 75 जिलों में 75 डीबीयू की स्थापना की जाएगी। डीबीयू सर्विसेज की शुरुआत में सेविंग, करंट, आरडी-एफडी, कैश निकालना, पासबुक प्रिंटिंग जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। ग्राहकों के पास मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, मास ट्रांजिट सिस्टम कार्ड, यूपीआई क्यूआर कोड, भीम आधार और प्वाइंट ऑफ सेल के लिए डिजटल किट होगी।
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