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संसदीय समिति की रिपोर्ट में बांग्लादेश पर बड़ा खुलासा, अल्पसंख्यकों पर हमले और आतंकियों की रिहाई से खतरा

Parliamentary committee report:संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विदेश मामलों की संसदीय समिति ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे हमलों को लेकर भयावह आंकड़े जारी किए हैं. समिति के अनुसार, 18 मई 2025 तक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों से जुड़ी कुल 2446 सूचनाएं सामने आई हैं.

Author Written By: Kumar Gaurav Updated: Dec 20, 2025 18:03
Bangladesh Protest
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले बढ़े

Parliamentary committee report:विदेश मामलों की संसदीय समिति की रिपोर्ट में बांग्लादेश पर सवाल उठाया गया है. विदेश मामलों की संसदीय समिति ने अगस्त 2024 की घटनाओं के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों, उनके पूजा स्थलों, सांस्कृतिक संस्थानों और व्यक्तियों को निशाना बनाया गया, जिससे न केवल वहां का सामाजिक ताना-बाना प्रभावित हुआ है, बल्कि भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय संबंधों में भी तनाव बढ़ा है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है भारत सरकार ने लगातार बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के समक्ष इस मुद्दे को उठाया, लेकिन इन घटनाओं के समाधान के लिए ठोस और प्रभावी कदमों की कमी चिंता का विषय बनी हुई है. समिति ने यह भी कहा कि बांग्लादेशी अधिकारियों द्वारा इन घटनाओं को केवल ‘राजनीतिक हत्याओं’ के रूप में प्रस्तुत करने के प्रयास परेशान करने वाले हैं.

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अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों से जुड़ी 2446 सूचनाएं

समिति के अनुसार, 18 मई 2025 तक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों से जुड़ी कुल 2446 सूचनाएं सामने आई हैं. भारत द्वारा विदेश कार्यालय परामर्श के दौरान यह मुद्दा उठाए जाने के बाद भी दिसंबर 2024 तक केवल 70 गिरफ्तारियां और 88 मामले दर्ज किए गए, जिसे समिति ने अल्पसंख्यकों पर हमलों की स्पष्ट स्वीकारोक्ति के रूप में देखा है.

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हिंसा के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जाए

रिपोर्ट में समिति ने सिफारिश की है कि विदेश मंत्रालय को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को अपनी रणनीतिक कूटनीति का प्रमुख तत्व बनाए रखना चाहिए. साथ ही, बांग्लादेशी अधिकारियों पर यह दबाव बनाया जाए कि वे सभी अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और सुरक्षा की रक्षा के लिए त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करें तथा हिंसा के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जाए.

कैदियों की रिहाई पर भी गंभीर चिंता जताई

इसी रिपोर्ट के अगले हिस्से में समिति ने आतंकवाद और चरमपंथी हिंसा के रिकॉर्ड वाले कैदियों की रिहाई पर भी गंभीर चिंता जताई है. समिति ने बताया कि जुलाई और अगस्त 2025 के दौरान बांग्लादेश में अशांति के बीच जेल से भागने की घटनाओं के दौरान आतंकवाद और चरमपंथी हिंसा के आरोपी कैदियों को रिहा किया गया. इसके साथ ही सजायाफ्ता चरमपंथियों और आतंकियों के फरार होने की घटनाओं को भी बेहद गंभीर बताया गया है.

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First published on: Dec 20, 2025 05:21 PM

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