Operation Sindoor: 22 अप्रैल को पहलगाम में पाकिस्तान ने आतंकी हमला किया, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद 7 मई को भारत ने पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमला किया। 10 मई की शाम को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ट्वीट किया, जिसमें जानकारी दी गई कि लंबी बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सहमति बन गई है, लेकिन अब सवाल यह उठता है कि ‘जब दोनों देशों के बीच आधिकारिक तौर पर युद्ध का ऐलान नहीं हुआ था, तो फिर सीजफायर कैसे हुआ? इस मुद्दे को रिटायर्ड कर्नल संजीत सिरोही ने कारगिल युद्ध से जोड़ते हुए समझाया है।
कारगिल युद्ध के बाद कैसे हुआ था सीजफायर?
रिटायर्ड कर्नल संजीत सिरोही ने बताया कि ‘1999 में के कारगिल युद्ध के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच घोषित तौर पर युद्ध हुआ था। इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। इसके बाद पाकिस्तान घुटनों पर आ गया और उसने भारत के सामने सीजफायर की गुहार लगाई।’ उन्होंने बताया कि ‘तब दोनों देशों के बीच सीजफायर को लेकर एग्रीमेंट साइन किया गया।’ दरअसल, सीजफायर एग्रीमेंट में उन सभी शर्तों को शामिल किया जाता है जिन्हें लेकर दोनों पक्षों के बीच सहमति बनती है।
ये भी पढ़ें: Boycott Turkey: तुर्की में भारतीयों की ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’ रोकने की मांग, जानें हर साल कितनी होती हैं शादियां?
इस बार कोई एग्रीमेंट साइन नहीं हुआ- संजीत सिरोही
संजीत सिरोही ने ऑपरेशन सिंदूर पर कहा कि ‘भारत सरकार का साफ कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। भारतीय सेना की कार्रवाई से घबराकर पाकिस्तान ने एक बार फिर सीजफायर की गुहार लगाई है। चूंकि, भारत ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी रखा है और इसका उद्देश्य सिर्फ आतंकियों का खात्मा करना है।’
उन्होंने कहा कि ‘ऐसे में भारत ने आम सहमति से सिर्फ कुछ समय के लिए सीजफायर को लेकर सहमति जताई है। सीजफायर को लेकर दोनों देशों में इस बार कोई एग्रीमेंट साइन नहीं किया गया है।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साफ कर चुके हैं कि अगर पाकिस्तान दोबारा किसी भी तरह की नापाक हरकत को अंजाम देता है, तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
ये भी पढ़ें: Boycott Turkey: तुर्की से क्या-क्या आता है भारत? इन फेमस डिशों की होटलों में घट सकती है मांग