NIA Raid: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पिछले साल 9 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल में हुई एकबालपुर-मोमिनपुर झड़पों के सिलसिले में बुधवार को राज्य में 17 स्थानों पर तलाशी ली। मामले की जानकारी रखने वाले एक आधिकारिक सूत्र ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि संदिग्धों के घर और कार्यालय परिसर में छापेमारी की जा रही है।
झड़पों के दौरान तोड़फोड़ और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोपों का संज्ञान लेते हुए, NIA ने पिछले साल अक्टूबर में मामला दर्ज किया और पश्चिम बंगाल के मोमिनपुर में हिंदू विरोधी हिंसा की जांच शुरू की। इससे पहले, कोलकाता पुलिस ने 10 अक्टूबर को मामले में पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की थी।
National Investigation Agency (NIA) today carried out searches at 17 locations in West Bengal, in connection with the Ekbalpur-Mominpur clashes that occurred in the state on October 9, 2022: Sources pic.twitter.com/tSUi9nvrxJ
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) January 4, 2023
आतंकवाद रोधी एजेंसी का यह कदम गृह मंत्रालय (MHA) के काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन (CTCR) डिवीजन की ओर से प्राथमिकी दर्ज करने और मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरी जांच शुरू करने के निर्देश के बाद आया है।
कोलकाता हाई कोर्ट ने SIT गठन का दिया था आदेश
गृह मंत्रालय ने अक्टूबर में एकबालपुर-मोमिनपुर सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित एक रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान कलकत्ता उच्च न्यायालय के दिए गए निर्देश का पालन किया। अदालत ने राज्य पुलिस को घटना की जांच के लिए अनुभवी पुलिस अधिकारियों की एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने का आदेश दिया था।
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याचिकाकर्ताओं ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था और आरोप लगाया था कि राज्य पुलिस प्रशासन लक्ष्मी पूजा की पूर्व संध्या पर कोलकाता के एकबालपुर-मोमिनपुर इलाके में भड़की सांप्रदायिक हिंसा का मूक दर्शक बना रहा। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने शांति बनाए रखने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती के लिए अपील की और मामले की जांच करने में राज्य पुलिस की अक्षमता का आरोप लगाते हुए अपराधों की जांच NIA को ट्रांसफर करने की मांग की।
न्यायालय ने दायर प्रारंभिक रिपोर्टों को देखा और पाया कि इस घटना पर विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 और शस्त्र अधिनियम, 1959 के तहत पहले से ही पांच आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे, जिनकी जांच चल रही थी। कोलकाता के मोमिनपुर में दो समुदायों के बीच हुई झड़प ने सांप्रदायिक तनाव पैदा कर दिया था और 9 अक्टूबर की देर रात मयूरभंज इलाके में कई घरों में तोड़फोड़ की गई और कारों में भी तोड़फोड़ की गई थी।
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