---विज्ञापन---

2 को उम्रकैद, मुख्य आरोपी बरी…Narendra Dabholkar हत्याकांड में 11 साल बाद आया अहम फैसला

Narendra Dabholkar Murder Case Update: 11 साल बाद CBI की विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के समाजसेवी नरेंद्र दाभोलकर मर्डर केस में फैसला सुनाया है। 5 आरोपियों में से 2 को सजा सुनाते हुए जुर्माना लगाया गया है। वहीं 3 आरोपियों को सबूतों के अभाव के बरी कर दिया गया।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: May 10, 2024 12:16
Share :
Social Activist Narendra Dabholkar
नरेंद्र दाभोलकर के समाज सुधार अभियान के विरोध में उनकी हत्या की गई थी।

Narendra Dabholkar Murder Case Verdict: महाराष्ट्र के मशहूर नरेंद्र दाभोलकर (Narendra Dabholkar) मर्डर केस में 11 साल बाद अहम फैसला आया है। पुणे CBI की विशेष अदालत ने केस के 2 आरोपियों को दोषी करार देकर उम्रकैद की सजा सुनाई है, लेकिन बड़ी बात यह है कि केस का मास्टरमाइंड मुख्य आरोपी डॉ. विनोद तावड़े बरी हो गया है। उसके अलावा विक्रम भावे और संजीव पुनालकेर को भी सबूतों के अभाव में रिहा किया है।

जिन्हें उम्रकैद की सजा हुई है, उनमें शरद कालस्कर और सचिन अंडूरे शामिल हैं। इन दोनों पर 5-5 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। नरेंद्र दाभोलकर महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक थे। 20 अगस्त 2013 की सुबह पुणे में सैर करते समय गोली मारकर इनका मर्डर कर दिया गया था। केस की प्राथमिक जांच पुणे पुलिस ने की थी, लेकिन बाद में केस CBI को सौंप दिया गया था। जांच एजेंसी ने पड़ताल करके 2016 में चार्जशीट दाखिल की थी। 8 साल की सुनवाई, गवाहियों, दलीलों के बाद आज फैसला सुनाया गया।

---विज्ञापन---

 

यह भी पढ़ें:सैम पित्रोदा के बाद मणिशंकर अय्यर का ‘सेल्फ गोल’? बोले- पाकिस्तान को इज्जत दें, उसके पास एटम बम

22 गवाहों के बयान, CBI ने की जांच पड़ताल

CBI की विशेष अदालत के जज AA जाधव ने फैसला सुनाया है। साल 2014 में केस CBI के हाथ में आया था। 11 साल में कुल 22 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। 100 से ज्यादा CCTV फुटेज खंगाली। पुणे-ठाणे की जेल में बंद कैदियों से पूछताछ की। जून 2016 में हिंदू दक्षिणपंथी संगठन सनातन संस्था के मेंबर डॉ. वीरेंद्र तावड़े को CBI ने गिरफ्तार किया था। वारदात में इस्तेमाल पिस्तौल और काले रंग की बाइक भी बरामद हुई थी।

चार्जशीट में पहले विनोद तावड़े और सारंग अकोलकर को गोली चलाने वाला बताया गया। फिर सचिन अंडूरे और शरद कालस्कर को गिरफ्तार करके सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें दोनों को शूटर बताया गया। वकील संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे को सहयोगियों के रूप में पकड़ा गया। विनोद तावड़े, सचिन अंडूरे और शरद कालस्कर जेल में थे। संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे को जमानत मिली हुई थी।

यह भी पढ़ें:हाथों में हथकड़ी, आंखों में आंसू…प्रज्वल रेवन्ना केस में पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के परिवार से पहली गिरफ्तारी

क्यों मारे गए थे नरेंद्र दाभोलकर?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नरेंद्र दाभोलकर की हत्या का कारण उनका अधंविश्वास के खिलाफ शुरू किया गया अभियान बना। सनातन संस्थान इस अभियान की विरोधी थी। संस्था को दाभोलकर की समिति द्वारा किए जाने वाले समाज सुधार कार्यों पर भी आपत्ति थी। अकसर दोनों के बीच टकराव होता था।

यह भी पढ़ें:इस्लाम शादीशुदा मुस्लिम को लिव-इन में रहने की इजाजत नहीं देता, पढ़ें इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला

HISTORY

Edited By

Khushbu Goyal

First published on: May 10, 2024 11:45 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें