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मैसूर के Dasara का ‘हीरो’ अर्जुन नहीं रहा, जंगली हाथी को पकड़ने की कोशिश में गई जान, जानिए कौन था?

Mysuru Dasara Arjuna Dies: जंगली हाथी ने अर्जुन पर हमला किया। दांत अर्जुन के पेट में लगा और ज्यादा खून बहने की वजह से उसकी जान चली गई। जानिए कौन था अर्जुन?

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Dec 5, 2023 11:38
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Mysuru Dasara Arjuna Dies
Mysuru Dasara Arjuna Dies

Mysuru Dasara Hero Elephant Arjuna Dies: देशभर में मशहूर मैसूर दशहरे की शान अर्जन नहीं रहा। एक रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जंगली हाथी को पकड़ने की कोशिश उसकी जान चली गई। हासन जिले के सकलेशपुरा तालुका में येसालुरू रेंज फॉरेस्ट में जंगली हाथी को पकड़ने की कोशिश चल रही थी। इस दौरान 64 वर्षीय अर्जुन और जंगली हाथी भिड़ गए। जंगली हाथी ने अर्जुन पर हमला किया। दांत अर्जुन के पेट में लगा और ज्यादा खून बहने की वजह से उसकी जान चली गई। वन अधिकारी SP महादेव ने बताया कि चिकमंगलुरू जिले से एक जंगली हाथी बैंगलुरू में आ गया था, जिसे पकड़ने के लिए सोमवार सुबह अभियान चलाया गया था, जिसमें हमने अपने अर्जुन को खो दिया। जी हां, अर्जुन मैसूर दशहरे का सबसे अहम हिस्सा एक हाथी था।

 

करीब 6 हजार किलो वजनी था अर्जुन

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अर्जुन 22 साल मैसूर दशहरे का हिस्सा रहा। उसका इस्तेमाल गोल्डन हौदा लाने के लिए किया जाता था। 2012 से 2019 तक 8 बार अर्जुन अंबारी लेकर गया। जंबू सवारी के तौर पर भी अर्जुन का इस्तेमाल होता रहा है। यह 2.88 मीटर ऊंचा और 5800 से 6 हजार किलो वजनी था, लेकिन पिछले 11 दिन से चल रहे ऑपरेशन के दौरान हादसे में उसकी जान चली गई। यह कनार्टक में हुई पहली ऐसी घटना है। सोमवार सुबह करीब 11 बजे अर्जुन सहित 6 हाथियों के साथ जंगली हाथी को पकड़ने की कोशिश चल रही थी, लेकिन जंगली हाथी ने अर्जुन पर तब हमला किया, जब अधिकारी ट्रैंक्विलाइज़र से उसे भगाने की कोशिश कर रहे थे। दूसरे हाथी पीछे हट गए, लेकिन अर्जुन ने प्रतिरोध किया और अकेले ही जंगली हाथी से मुकाबला करने की कोशिश की।

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अपने महावत को पीट-पीट कर मार चुका

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आमने-सामने की लड़ाई में अर्जुन के दांत, पेट और पसलियों में चोटें लगीं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अर्जुन की मौत पर शोक जताया है। बता दें कि अर्जुन को 1968 में पश्चिमी घाट के केकनाकोटे के जंगलों से एक ऑपरेशन के दौरान पकड़ा गया था। इसे पालतू बनाया गया। इसके बाद अर्जुन को मैसूर दशहरे में शामिल किया गया। 1990 में सुनहरा हौदा लाने के दौरान अर्जुन के वाहक द्रोण की मौत हो गई थी। अर्जुन ने 1996 में अपने महावत अन्नैया को सोते समय पीट-पीट कर मार दिया था, हालांकि उसे हादसा बताया गया, लेकिन इसके बाद अर्जुन को नेशनल पार्क नागरहोल में कैद कर दिया गया था। उसका उत्तराधिकारी अभिमन्यु बना।

First published on: Dec 05, 2023 11:35 AM

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