Uzbekistan Cough Syrup: नोएडा की कंपनी द्वारा निर्मित कफ सिरप के सेवन से उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत मामले में विदेश मंत्रालय ने अपना बयान जारी किया है। गुरुवार को विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि भारतीय दवा उद्योग दुनिया भर के देशों के लिए एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता रहा है। कथित तौर पर उज्बेकिस्तान में भारतीय कंपनी मैरियन बायोटेक द्वारा बनाई गई खांसी की दवाई डॉक1 मैक्स के कारण मौतों की खबर दुखद है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ऐसे मामले दुनिया में भारत की छवि को धूमिल कर रहे हैं।
Indian pharma industry reliable supplier: MEA on death of 18 Uzbek children
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— ANI Digital (@ani_digital) December 29, 2022
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “जब ये घटनाएं सामने आती हैं तो हम इन्हें बहुत गंभीरता से लेते हैं। हम उज़्बेक सरकार की कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे व्यक्तियों को कांसुलर सहायता प्रदान कर रहा है। ये मौतें दो महीने के दौरान हुई हैं। उज़्बेक अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या भारत में निर्मित कफ सिरप के साथ कोई संभावित संबंध है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि उज़्बेक अधिकारियों ने औपचारिक रूप से हमारे साथ इस मामले को नहीं उठाया है। फिर भी, हमारे दूतावास ने उज़्बेक पक्ष के साथ बात की है। उनकी जांच के बारे में जानकारी मांगी है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया के निर्देशों के तहत, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) 27 दिसंबर, 2022 से मामले को लेकर उज्बेकिस्तान के राष्ट्रीय दवा नियामक के नियमित संपर्क में है। सूचना मिलते ही यूपी ड्रग कंट्रोल और सीडीएससीओ की टीम ने निर्माता मैरियन बायोटेक की नोएडा सुविधा का संयुक्त निरीक्षण किया और निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मैरियन बायोटेक एक लाइसेंस प्राप्त निर्माता है और उसके पास ड्रग्स कंट्रोलर, यूपी द्वारा निर्यात उद्देश्यों के लिए डॉक1 मैक्स सिरप और टैबलेट बनाने का लाइसेंस है। कफ सिरप के नमूने निर्माण परिसर से लिए गए हैं और परीक्षण के लिए क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला (आरडीटीएल), चंडीगढ़ भेजे गए हैं।