साल 2008 में मालेगांव बम ब्लास्ट केस के आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी 7 आरोपियों को स्पेशल कोर्ट ने बरी कर दिया है। NIA कोर्ट से बरी होने के बाद जब साध्वी प्रज्ञा सिंह रविवार को भोपाल पहुंचीं तो उनका भव्य स्वागत हुआ। इस दौरान प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि हिंदू आतंकी नहीं हो सकता है। आतंकवाद का रंग होता है। देशवासियों ने पहलगाम हमले के दौरान आतंकवाद का रंग देखा, जब धर्म पूछकर पर्यटकों को मौत के घाट उतारा गया।
साध्वी प्रज्ञा सिंह के बयान पर AIMIM नेता का पलटवार
साध्वी प्रज्ञा सिंह के इस बयान को लेकर AIMIM नेता असीम वकार ने कहा है कि प्रज्ञा ठाकुर का बयान मैंने सुना, उनका कहना है कि हरा रंग आतंकवाद का रंग है, यह अज्ञानियों की भाषा है। ईश्वर, अल्लाह, गॉड का सबसे पसंदीदा रंग हरा है और ये कभी आतंकवाद के पैरोकार नहीं हो सकते।
उन्होंने कहा कि ईश्वर, अल्लाह और गॉड ने अगर दुनिया के निर्माण में सबसे अधिक हरे रंग का इस्तेमाल किया है, तो फिर आतंकवाद इन लोगों (साध्वी प्रज्ञा) के दिल और दिमाग में भरा हुआ है। इसलिए इनको हरे रंग में आतंकवाद दिखाई देता है।
असीम वकार ने कहा कि जिसने भी गुनाह या आतंकवाद किया है, भले ही वह दुनिया की अदालत में सबूतों के अभाव में छूट जाए, लेकिन ईश्वर की अदालत में उनके सबूत चलते हैं। दुनिया की अदालत में बख्शे गए लोग यह न भूलें कि ईश्वर कभी नाइंसाफी नहीं करता, सजा जरूर मिलती है। चाहे जिंदा रहते या मरने के बाद! उन्होंने कहा कि हरा रंग, लाल रंग या पीला रंग आतंकवाद का रंग नहीं हो सकता है। आतंकवादी किसी रंग का हो सकता है, लेकिन रंग किसी आतंकवादी का नहीं हो सकता।
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बता दें कि प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि उन्हें परेशान किया गया और पीएम मोदी तथा योगी आदित्यनाथ का नाम लेने के लिए मजबूर किया गया। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि मुझे मजबूर किया गया था। मैं दबाव में नहीं आई और मैंने किसी का भी नाम नहीं लिया, किसी को झूठा नहीं फंसाया, इसलिए मुझे इतना प्रताड़ित किया गया।