भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई की शाम 5 बजे संघर्ष विराम हुआ था, जिसके चंद घंटे बाद ही पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन कर दिया था। इसके बाद MEA की तरफ से प्रेस कांफ्रेंस कर बताया गया था कि भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है और वह ठोस और सख्त कदम उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है। वहीं, संघर्ष विराम के साढ़े 25 घंटे बाद तीनों सेनाओं ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की जानकारी दो और पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि सीजफायर का उल्लंघन किया तो कड़ा जवाब देंगे। तीनों सेनाओं के अधिकारी जब प्रेस ब्रीफिंग करने पहुंचे तो ऑडियो-वीडियो प्रस्तुति चलाई गई। जिस बैकग्राउंड संगीत का इस्तेमाल किया गया, वह शिव तांडव का स्तोत्र है। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, एयर मार्शल एके भारती और वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और मेजर जनरल एसएस शारदा ने भारतीय सेना की कार्रवाई पर क्या-क्या जानकारी दी आइए जानते हैं:-
- प्रेस कॉन्फ्रेंस को सबसे पहले आर्मी के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आप सभी अब तक उस क्रूरता और नृशंस तरीके से परिचित हो चुके हैं, जिसमें 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की असमय हत्या कर दी गई थी। ऑपरेशन सिंदूर की अवधारणा आतंक के अपराधियों और योजनाकारों को दंडित करने और उनके आतंकी ढांचे को नष्ट करने के स्पष्ट सैन्य उद्देश्य के साथ की गई थी।
- सेना के अधिकारियों ने तस्वीरों के साथ विस्तार से बताया कि सैन्य कार्रवाई से पहले के हालात कैसे थे और बाद का मंजर कैसा है। उन्होंने बताया कि भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से कुछ आतंकी ठिकाने खाली हो गए। ऑपरेशन सिंदूर के लिए सोच-विचार कर नौ आतंकी शिविरों को हमले के लिए चुना गया। 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। पाकिस्तान के 11 एयरबेस नष्ट कर दिए गए। पाकिस्तान की घुसपैठ के जवाब में भारतीय सेना ने भारी नुकसान पहुंचाया।
- यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक और मुदस्सिर अहमद जैसे बडे़ आतंकी मार गिराए। DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि हमने सीमा पार आतंकी कैंपों की गहराई से पहचान की, लेकिन वहां कई ठिकाने पहले ही खाली कर दिए गए थे, लेकिन हमें 9 ऐसे ठिकाने मिले जिन्हें हमारी एजेंसियों ने एक्टिव बताया। हमारे हमलों में यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद जैसे हाई वैल्यू टारगेट शामिल थे। ये आतंकी IC 814 हाइजैक और पुलवामा हमले से जुड़े थे।
- 7 मई को हुई कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल्स से हमारे बॉर्डर स्टेट्स में स्थित सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की। हमनें उन्हें हवा में ही मार गिराया। एक भी टारगेट सफल नहीं होने दिया। हमने पाकिस्तान को जवाब देते हुए सख्त कार्रवाई की, जिसमें पाकिस्तानी सेना के 35 से 40 सैनिक और अफसर मारे गए। बॉर्डर और LoC पर हुई पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में हमारे 5 जवान शहीद हुए हैं।
- 7 मई की शाम UAV और ड्रोन से पाकिस्तान ने हमला किया। ये किसी लहरों की तरह थे। इनमें से 3 लैंड कर पाए, लेकिन ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। हमने उनके आतंकवादियों को निशाना बनाया। उन्होंने आगे कहा, 8-9 मई की रात को उन्होंने (पाकिस्तान ने) हमारी सीमा के पास ड्रोन और विमान भेजे और कई सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के कई असफल प्रयास किए। पाकिस्तान की ओर नियंत्रण रेखा पर उल्लंघन फिर से शुरू हुआ और फिर यह मुठभेड़ में बदल गया।
- जनरल राजीव घई ने कहा कि दुश्मन ने अपने नागरिक विमानों को भी लाहौर से उड़ान भरने की अनुमति दी थी, न केवल उनके अपने विमान बल्कि अंतरराष्ट्रीय यात्री विमान भी उड़ रहे थे, जो काफी असंवेदनशील है। इसकी वजह से हमें अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी।
- DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि मेरी पाकिस्तान के DGMO से कल दोपहर 3:35 बजे संपर्क हुआ, जिसके परिणामस्वरूप 10 मई 2025 शाम 5:00 बजे से दोनों देशों के बीच सीजफायर लागू हुआ। जैसा कि पाकिस्तान के DGMO ने प्रस्तावित किया था। उन्होंने कहा कि हमने 12 मई 2025 दोपहर 12 बजे फिर से बात करने का निर्णय लिया, ताकि इस समझौते को मजबूत और दीर्घकालिक बनाने के तरीके पर चर्चा की जा सके।
- जनरल राजीव घई ने कहा कि निराशाजनक रूप से पाकिस्तान सेना ने केवल कुछ घंटे में ही इन समझौतों का उल्लंघन किया और क्रॉस बॉर्डर फायरिंग और ड्रोन आक्रमण करके यह तय किया कि वे हमारी सहमति का पालन नहीं करेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि हमने इन उल्लंघनों का जवाब मजबूती से दिया और रविवार सुबह हमारे द्वारा एक हॉटलाइन संदेश पाकिस्तान के DGMO को भेजा गया, जिसमें हमनें इन उल्लंघनों को स्पष्ट रूप से बताया। साथ ही पाकिस्तान द्वारा इन उल्लंघनों को दोहराए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया की बात कही।
- एयर मार्शल भारती ने कहा, 8 मई की शाम लगभग 8 बजे से पाकिस्तान के कई ड्रोन और लड़ाकू उपकरणों ने भारतीय वायु सेना के कई ठिकानों पर हमले की कोशिश की। इनमें जम्मू, उधमपुर, पठानकोट, अमृतसर, बठिंडा, डालहौजी, जैसलमेर शामिल थे। ये हमले लगभग एक साथ किए गए थे और लहरों में आए। हमारी सभी एयर डिफेंस सिस्टम और अन्य प्रणाली पहले से तैयार थे। इन सभी लहरों को हमारे प्रशिक्षित चालकों ने वायु रक्षा प्रणाली का उपयोग करके तबाह कर दिया। पाकिस्तान की ओर से इन घुसपैठ और हमलों से भारत को कोई नुकसान नहीं हुआ।
- एयर मार्शल एके भारती ने मुरीदके आतंकी शिविर पर मिसाइल अटैक का विस्तृत वीडियो दिखाया। यह वही इलाका है जिसे लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद का गढ़ माना जाता है। DGAO एके भारती ने कहा कि मुरीदके और बहावलपुर जैसे आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया। एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने कहा कि हालात कठिन हैं, हम ये प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करना चाहते थे, लेकिन जरूरी हो गया था। भारतीय वायुसेना ने मुरीदके और बहावलपुर जैसे आतंकी ठिकानों पर हमला किया। IAF ने सटीक हमलों के लिए सैटेलाइट और इंटेलिजेंस आधारित टार्गेटिंग और प्रिसिशन म्यूनिशन का इस्तेमाल किया।
- एयर मार्शल एके भारती ने कहा कि उनके विमानों को हमारी सीमा में घुसने से रोका गया। निश्चित रूप से, हमने कुछ विमान मार गिराए हैं।निश्चित रूप से, उनकी तरफ नुकसान हुआ है, जो हमने पहुंचाया है। एयर मार्शल एके भारती ने कहा हम आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने के अपने उद्देश्य में सफल हुए हैं और परिणाम पूरी दुनिया के सामने हैं।
- वायुसेना के डायरेक्टर जनरल एयर ऑपरेशन्स (DGAO) एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने कहा कि 8 मई को भारतीय वायुसेना ने लाहौर स्थित पाकिस्तानी निगरानी रडार साइट्स को निशाना बनाया। यह कार्रवाई हमारी तरफ से एक सधा हुआ जवाब था, जिसके बाद भी पाकिस्तान की ओर से ड्रोन हमले जारी रहे, जिन्हें हमने पूरी तरह से नाकाम किया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी ड्रोन और अन्य मानवरहित प्रणालियों ने एक साथ कई भारतीय एयरबेस को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम पहले से तैयार थे और उन्होंने सभी हमलों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।
- भारतीय नौसेना के डायरेक्टर जनरल नेवल ऑपरेशन्स (DGNO) वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद भारतीय नौसेना की कैरियर बैटल ग्रुप, सतह से लड़ने वाली यूनिट्स, पनडुब्बियां और नौसैनिक विमानन संसाधन युद्ध की पूरी तैयारी के साथ समुद्र में तैनात कर दिए गए थे। उन्होंने बताया कि आतंकी हमले के 96 घंटे के भीतर अरब सागर में कई हथियार परीक्षणों के दौरान हमने अपनी रणनीति और संचालन प्रक्रियाओं को परखा और बेहतर किया। भारतीय नौसेना की ताकतवर मौजूदगी ने पाकिस्तान को उसकी नौसेना और वायुसेना को बंदरगाहों और तटीय इलाकों तक सीमित रहने को मजबूर कर दिया, जिन्हें लगातार मॉनिटर किया गया।
- वाइस एडमिरल प्रमोद ने कहा कि हमारी जवाबी कार्रवाई संयमित, संतुलित, गैर-उत्तेजक और जिम्मेदार रही है। हमने ऐसे ठिकानों को लक्ष्य बनाने की तैयारी कर रखी थी, जिन पर जरूरत पड़ने पर हमला किया जा सके, इनमें कराची भी शामिल था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय नौसेना अभी भी समुद्र में पूरी ताकत के साथ डटी हुई है और किसी भी शत्रुतापूर्ण हरकत का निर्णायक जवाब देने के लिए तैयार है।
- एयर मार्शल एके भारती ने जोर देकर कहा कि भारत का उद्देश्य दुश्मन को करारा जवाब देना था, न कि बॉडी बैग्स गिनना। उन्होंने कहा कि हमने जो भी तरीके और साधन चुने, उनका दुश्मन पर अपेक्षित प्रभाव पड़ा। कितने मारे गए? कितने घायल हुए? ये गिनती करना हमारा काम नहीं है। हमारा लक्ष्य था दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाना, बॉडी बैग गिनना नहीं। एयर मार्शल भारती ने यह स्पष्ट किया कि भारत का मकसद किसी भी तरह की गैर-जरूरी तबाही नहीं था, बल्कि उन ठिकानों को तबाह करना था जो सीधे आतंकवाद से जुड़े थे।