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फाल्कन 2000 बिजनेस जेट बनाएंगे अनिल अंबानी, राफेल वाली कंपनी से हुई पार्टनरशिप

भारत 2028 तक 'मेड इन इंडिया' फाल्कन 2000 बिजनेस जेट बनाएगा। इसके चलते नागपुर में फ्रांस की दसॉल्ट एविएशन और रिलायंस ग्रुप की पार्टनरशिप में फाइनल असेंबली लाइन बनेगी। यह समझौता भारत को हाई-एंड बिजनेस जेट बनाने वाले देशों की लिस्ट में शामिल करेगा और 'मेक इन इंडिया' के सपने को हकीकत में बदलेगा।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jun 18, 2025 22:54
Dassault Aviation and Reliance partnership
प्राइवेट जेट credit-pexels

भारत के एविएशन सेक्टर के नाम एक और बड़ी पहचान जुड़ने वाली है। फ्रांस की मशहूर कंपनी फाइटर जेट राफेल बनाने वाली दसॉल्ट एविएशन और अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की कंपनी रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड (RAL) ने मिलकर नागपुर में फाल्कन 2000 बिजनेस जेट बनाने का ऐलान किया है। यह पहली बार होगा जब दसॉल्ट एविएशन अपने सबसे पॉपुलर बिजनेस जेट को फ्रांस के बाहर बनाएगी। यह ऐतिहासिक घोषणा बुधवार को पेरिस एयर शो में की गई है और कहा गया कि 2028 तक भारत में बना पहला फाल्कन 2000 जेट तैयार हो जाएगा। यह कदम भारत को ग्लोबल एविएशन मैन्युफैक्चरिंग के नक्शे पर एक नई पहचान देगा।

भारत के लिए क्यों है खास?

यह पार्टनरशिप भारत के लिए कई मायनों में खास है। यह भारत को उन चुनिंदा देशों जैसे अमेरिका, फ्रांस, कनाडा और ब्राजील की लिस्ट में शामिल कर देगी जो हाई-टेक बिजनेस जेट बनाते हैं। अभी तक दसॉल्ट एविएशन ने अपने फाल्कन 2000 जेट्स सिर्फ फ्रांस में बनाए हैं, लेकिन अब भारत में इसका प्रोडक्शन शुरू होना एक बड़ा बदलाव है। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ भारत के एविएशन मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत करेगा, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे विजन को भी हकीकत में बदलेगा।

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इसके अलावा, यह ऐलान दसॉल्ट एविएशन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के बीच हाल ही में हुए एक और समझौते के ठीक दो हफ्ते बाद आया है। उस समझौते में टाटा ने हैदराबाद में राफेल फाइटर जेट के फ्यूजलाज (विमान का मुख्य ढांचा) बनाने की फैसिलिटी शुरू करने की बात कही थी। दसॉल्ट एविएशन का भारत के साथ पहले से ही गहरा रिश्ता रहा है। इस कंपनी के मिराज 2000 और राफेल जैसे फाइटर जेट्स भारतीय वायुसेना का अहम हिस्सा हैं। अब बिजनेस जेट्स के क्षेत्र में यह नया कदम भारत को एविएशन की दुनिया में और आगे ले जाएगा।

नागपुर में बनेगी फाल्कन 2000 का फाइनल असेंबली लाइन

फाल्कन 2000 जेट की फाइनल असेंबली लाइन (FAL) नागपुर के मिहान इलाके में बनेगी। यहां दसॉल्ट रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड (DRAL) की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट पहले से काम कर रही है। DRAL ने 2017 में इसकी शुरुआत की थी और 2019 से अब तक फाल्कन 2000 के लिए 100 से ज्यादा बड़े हिस्सों (जैसे फ्रंट सेक्शन) को असेंबल कर चुकी है। इस नई फैसिलिटी में हर साल 24 जेट्स बनाने की क्षमता हो सकती है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।

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दसॉल्ट एविएशन इस प्रोजेक्ट के तहत फाल्कन 2000 के विंग्स और पूरे फ्यूजलाज की असेंबली का काम DRAL को ट्रांसफर करेगी। इसके साथ ही दसॉल्ट के दो अन्य जेट्स फाल्कन 8X और फाल्कन 6X के फ्रंट सेक्शन की असेंबली लाइन भी भारत में होगी। फैसिलिटी में बड़े अपग्रेड्स किए जाएंगे, जिसके बाद 2028 तक भारत में बना पहला फाल्कन 2000 जेट उड़ान भरेगा। यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी, क्योंकि यह पहली बार होगा जब कोई विदेशी कंपनी भारत में सिविलियन एयरक्राफ्ट के लिए फाइनल असेंबली लाइन बनाएगी।

तेजी से बढ़ रहा है भारत का एविएशन मार्केट

भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता सिविल एविएशन मार्केट है। यहां बिजनेस जेट्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है और फाल्कन 2000 जैसे हाई-एंड जेट्स कॉरपोरेट और चार्टर फ्लाइट्स के लिए काफी पॉपुलर हैं। दसॉल्ट और रिलायंस की यह साझेदारी न सिर्फ भारत की इस डिमांड को पूरा करेगी, बल्कि इंटरनेशनल मार्केट्स के लिए भी जेट्स बनाएगी। दुनियाभर में 90 से ज्यादा देशों में 2,200 से ज्यादा फाल्कन जेट्स इस्तेमाल हो रहे हैं और अब भारत इस ग्लोबल सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बनेगा।

दसॉल्ट एविएशन के चेयरमैन और सीईओ एरिक ट्रैपियर ने कहा कि ‘यह समझौता DRAL को फाल्कन जेट्स की असेंबली के लिए फ्रांस के बाहर पहला सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाएगा। यह हमारी ‘मेक इन इंडिया’ की प्रतिबद्धता को दिखाता है और भारत को ग्लोबल एविएशन सप्लाई चेन में एक बड़ा पार्टनर बनाने में मदद करेगा।’

रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने भी इस मौके पर कहा कि’दसॉल्ट एविएशन के साथ हमारी साझेदारी रिलायंस ग्रुप के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। हम भारत को ग्लोबल एविएशन मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। यह पीएम नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया फॉर द वर्ल्ड’ के विजन को मजबूत करता है।’

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रोजगार के बढ़ेंगे अवसर

इस प्रोजेक्ट से अगले दस साल में सैकड़ों इंजीनियर्स और टेक्नीशियन्स को नौकरियां मिलेंगी। DRAL अपने ऑपरेशन्स को बढ़ाने के लिए नई भर्तियां करेगा, जिससे भारत में हाई-प्रिसिशन एविएशन मैन्युफैक्चरिंग में स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा। यह न सिर्फ रोजगार के अवसर पैदा करेगा, बल्कि भारत के युवाओं को हाई-टेक इंडस्ट्री में काम करने का मौका भी देगा।

DRAL की नागपुर फैसिलिटी पहले से ही फाल्कन 2000 के लिए हाई-क्वालिटी पार्ट्स बना रही है। अब फाइनल असेंबली लाइन शुरू होने से यह फैसिलिटी और बड़े स्तर पर काम करेगी।

फाल्कन 2000 जेट की क्या है खासियत?

फाल्कन 2000 एक ट्विन-इंजन बिजनेस जेट है, जो अपनी शानदार परफॉर्मेंस, कम्फर्ट और ऑपरेशनल एफिशिएंसी के लिए जाना जाता है। यह जेट 8 से 10 पैसेंजर्स को ले जा सकता है और लंबी दूरी की उड़ानों के लिए मशहूर है। इसका डिजाइन और टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस है कि यह बिजनेस ट्रैवलर्स और कॉरपोरेट्स के बीच काफी पॉपुलर है। दसॉल्ट के फाल्कन जेट्स की रेंज में फाल्कन 2000, 8X और 6X जैसे मॉडल्स शामिल हैं, और इनकी ग्लोबल डिमांड लगातार बढ़ रही है।

टाटा ग्रुप और एयरबस के साथ भी हुई है पार्टनरशिप

भारत पहले से ही C295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के लिए एयरबस और टाटा ग्रुप की साझेदारी में फाइनल असेंबली लाइन चला रहा है। इसके अलावा, एयरबस और टाटा अब हेलिकॉप्टर्स के लिए भी भारत में FAL शुरू करने की योजना बना रहे हैं। एयरबस के पास दसॉल्ट एविएशन में माइनर स्टेक है, जिससे ये साझेदारियां और मजबूत हो रही हैं।

भारत अब न सिर्फ एविएशन कंपोनेंट्स का सप्लायर बनेगा, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एयरक्राफ्ट और जेट्स बनाने का हब भी बन सकता है। दसॉल्ट और रिलायंस की यह साझेदारी इस दिशा में एक बड़ा कदम है। यह प्रोजेक्ट भारत के एविएशन मार्केट की बढ़ती डिमांड को पूरा करने के साथ-साथ इंटरनेशनल मार्केट्स में भी भारत की हिस्सेदारी बढ़ाएगा।

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First published on: Jun 18, 2025 09:09 PM

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