Lok Sabha election 2024 PM Modi advice to cabinet ministers: 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है बीजेपी अपनी तैयारियां तेज करती जा रही है। विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास का भी सिललिसा शुरू हो गया है। चुनाव प्रचार धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है। चुनाव होने में अब कुछ ही महीने बाकी हैं। पीएम मोदी, उनके मंत्रियों समेत बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, सांसद और विधायक अभी से रणनीति बनाने में जुट गए हैं। नरेंद्र मोदी को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने को लेकर बीजेपी निश्चिंत नजर आ रही है।
बीजेपी को पूरा विश्वास है कि राम मंदिर और अन्य फैसलों की वजह से इसबार उसे पिछली बार से भी ज्यादा सीटें मिलेंगी। लेकिन पीएम मोदी इसे लेकर खासे सतर्क हैं और उन्होंने मंत्रियों को चेतावनी दे दी है। पीएम मोदी ने उनसे जनता के बीच पहुंचकर आपने काम और पार्टी का संदेश फैलाने को कहा है। साल 2004 में बीजेपी बहुत कम सीटों से कांग्रेस से पीछे रह गई और केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार बनी।
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तैयारियां करने को कहा पीएम मोदी ने
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट मंत्रियों से कहा है कि वे राजनीतिक विश्लेषकों की कुर्सी पर न बैठें आगामी 2024 लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां करें। पीएम मोदी ने अपने मंत्रियों से कहा है कि जब तक चुनाव पूरा नहीं हो जाता तब तक कुछ भी नहीं किया जाता है, क्योंकि पार्टी को अभी भी 2004 के चुनावों का डर सता रहा है, जब भाजपा नेतृत्व लापरवाही बरत रहा था। साल 2004 में बीजेपी बहुत कम सीटों से कांग्रेस से पीछे रह गई और केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार बनी। कांग्रेस को बीजेपी से सिर्फ 7 सीटें ज्यादा मिली थीं।
#WATCH असम: PM मोदी ने कहा, "इस बजट में एक बहुत बड़ी योजना की घोषणा हुई है। बीते 10 वर्षों तक हमने हर घर तक बिजली पहुंचाने का अभियान चलाया, अब हम बिजली का बिल जीरो करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। बजट में सरकार ने रूफटॉप सोलर की योजना का ऐलान किया है। इस योजना के तहत शुरुआत में सरकार… pic.twitter.com/aLisIlSt5p
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 4, 2024
कसर नहीं छोड़ना चाहता शीर्ष नेतृत्व
पार्टी के कार्यकर्ताओं को पूरा भरोसा है इसबार 400 से ज्यादा सीटें मिलेंगी, लेकिन शीर्ष नेतृत्व कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है। मोदी सरकार के काम के बावजूद समर्थकों को मतदान केंद्र तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है। पर्याप्त एकता नहीं होने के बावजूद भी इंडिया गठबंधन बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकता है क्योंकि उसके साथ अल्पसंख्यकों का एक बड़ा वोटबैंक है। वहीं दक्षिण भारत और पश्चिम बंगाल में बीजेपी के लिए चुनौतियां कम नहीं हैं। हिंदीभाषी राज्यों में बीजेपी की पकड़ मजबूत तो हुई है लेकिन इस समर्थन को चुनाव तक बनाए रखना होगा।
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