Lalit Modi Vijay Mallya viral video: ‘भारत के दो सबसे बड़े भगौड़े…’, कहते दिखे ललित मोदी और विजय माल्या का वीडियो 22 दिसंबर से वायरल हो रहा है. वीडियो में विजय माल्या और खुद को ललित मोदी भगौड़ा कह रहा है. वीडियो में दोनों के बीच पिंकी लालवानी भी दिखी है, तीनों हंसते नजर आए हैं. वीडियो को शेयर करते हुए ललित मोदी ने कैप्शन में लिखा कि चलो, फिर से इंटरनेट हिला देता हूं. खासकर आप मीडिया वालों के लिए. जलन के साथ देखते रहिए. इसी वायरल वीडियो के अगले ही दिन विजय माल्या के केस पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी. याचिका में माल्या के वकील के माध्यम से खुद को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के आदेश को चुनौती दी. माल्या के विदेश में होने पर कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया.
#WATCH | Delhi: On being asked about fugitives Lalit Modi and Vijay Mallya, MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, "We remain fully committed that people who are fugitives and wanted by law in India, return to the country. For this, we are in talks with several governments and… https://t.co/Qvc71IDLJ7 pic.twitter.com/a8oAmGnXW1
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) December 26, 2025
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विदेश मंत्रालय ने कहा-भगोड़ों को वापस लाएंगे
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सरकार भारत में वांछित भगोड़ों को देश में वापस लाने और अदालतों में मुकदमे का सामना कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. इसमें कई कानूनी प्रक्रियाएं शामिल हैं, हम कई सरकारों के साथ बातचीत कर रहे हैं, ताकि वे यहां की अदालतों में मुकदमे का सामना कर सकें. रणधीर जायसवाल ने यह जवाब ललित मोदी और विजय माल्या के वायरल वीडियो को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में लिया. ललित मोदी और विजय माल्या दोनों भारत में वांटेड भगौड़े हैं और उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है.
15 व्यक्ति भगोड़े आर्थिक अपराधी (FEO) घोषित
सरकार की ओर से वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा को सूचित किया कि 31 अक्टूबर, 2025 तक भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 (FEOA) के तहत कुल 15 व्यक्तियों को भगोड़े आर्थिक अपराधी (FEO) घोषित किया गया है. इनमें से नौ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के खिलाफ किए गए बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल हैं. इस सूची में विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे कई हाई-प्रोफाइल नाम शामिल हैं. इन 15 भगोड़ों ने 31 अक्टूबर, 2025 तक बैंकों को कुल मिलाकर 26,645 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान पहुंचाया है. इसके अलावा, इन ऋणों पर एनपीए बनने की तारीख से लेकर 31 अक्टूबर, 2025 तक अर्जित ब्याज 31,437 करोड़ रुपये है. 31 अक्टूबर, 2025 तक इन अभियोक्ताओं से 19,187 करोड़ रुपये वसूल किए जा चुके हैं.
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