kerala HC revises dress code for women: केरल हाईकोर्ट ने राज्य में महिला न्यायिक अधिकारियों के ड्रेस कोड में बदलाव करने की घोषणा की है। पहले इन अधिकारियों को बैरिस्टर या बैचलर ऑफ लॉ के गाउन के साथ-साथ एक सफेद कठोर या नरम कॉलर और बैंड के साथ हल्के रंग की ड्रेस पहनती थी। जिसमें महिला अधिकारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ता था। महिला अधिकारियों ने इसकी शिकायत भी की थी। महिला अधिकारियों की समस्या को ध्यान में रखते हुए, केरल हाईकोर्ट ने अधिकारियों की वर्दी को बदलने निर्णय लिया है।
इस दौरान महिला न्यायिक अधिकारियों ने रजिस्ट्रार को लिखित रूप में ड्रेस पहनने के दौरान होने वाली कठिनाइयों को व्यक्त किया था। उन्होने इस पत्र में बताया, कि ड्रेस पहनकर कोर्ट हॉल में लंबे समय तक रहने में परेशानी होती है। परिणामस्वरूप, उन्होंने पुरानी ड्रेस की जगह चूड़ीदार पहनने का प्रस्ताव रखा था।
न्यायाधीशों की एक समिति ने इस अभ्यावेदन की समीक्षा की और अपनी रिपोर्ट प्रशासनिक समिति को दी थी। इस मामले पर पूर्ण न्यायालय सत्र के दौरान चर्चा की गई। विचार करने के बाद, केरल हाईकोर्ट ने 7 अक्टूबर, 2023 को महिला अधिकारियों द्वारा किए गए अनुरोध को मंजूरी दे दी। इन सभी परिवर्तनों को लागू करने के लिए एक नया परिपत्र जारी किया गया।
ड्रेस कोड में तीन विकल्प
ड्रेस कोड में तीन विकल्प चुन सकती है। जैसे वे काले कॉलर वाले ब्लाउज के साथ सफेद साड़ी, काले हाई नेक कोट के साथ सफेद सलवार, या मामूली घुटने तक लंबाई वाली स्कर्ट के साथ सफेद शर्ट पहन सकती हैं। महिला अधिकारियों को आवश्यकतानुसार काले गाउन के साथ-साथ कड़े या मुलायम कॉलर और बैंड भी पहनने होंगे।
केवल महिलाओं की ड्रेस बदली
बता दे कि यह परिवर्तन केवल महिला अधिकारियों पर लागू होता है। पुरुष अधिकारी अपनी ड्रेस कोड ही पहनेंगे। जिसमें बेंच की अध्यक्षता करते समय एक काला खुला कॉलर कोट, सफेद शर्ट, सफेद कठोर या मुलायम कॉलर और बैंड और बैरिस्टर या बैचलर ऑफ लॉ का गाउन शामिल है। सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि महिला अधिकारियों अपने पहनावे में सफेद और काले के अलावा किसी भी रंग का उपयोग करने से बचना होगा। इस ड्रेस कोड का उद्देश्य महिला न्यायिक अधिकारियों को होने वाली समस्याओं को दूर करना है। साथ ही उनको काम के दौरान सुविधाजनक वर्दी प्रदान करना है।