---विज्ञापन---

Karnataka CM Tussle: कर्नाटक में CM की कुर्सी पर कौन? समर्थन, जीतने का रिकॉर्ड… सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के अपने-अपने दावे

Karnataka CM Tussle: कर्नाटक में हाल के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट जनादेश मिलने के बाद सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने मुख्यमंत्री पद के लिए एक मजबूत दावा किया है। अब इस मुद्दे का समाधान के लिए पार्टी आलाकमान को भेजा गया है। परिणाम घोषित होने के बाद रविवार शाम बेंगलुरु के एक […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: May 16, 2023 14:45
Share :
Karnataka CM Tussle, Karnataka CM, Siddaramaiah, DK Shivakumar, Congress

Karnataka CM Tussle: कर्नाटक में हाल के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट जनादेश मिलने के बाद सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने मुख्यमंत्री पद के लिए एक मजबूत दावा किया है। अब इस मुद्दे का समाधान के लिए पार्टी आलाकमान को भेजा गया है।

परिणाम घोषित होने के बाद रविवार शाम बेंगलुरु के एक 5-सितारा होटल में बुलाई गई 135 सदस्यीय कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में एक पंक्ति का प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें था कि कांग्रेस अध्यक्ष को नए नेता के बारे में निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया। इस प्रस्ताव के बाद अब दिल्ली में पहले से मौजूद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस मुद्दे पर निर्णय लेने से पहले सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से परामर्श कर सकते हैं।

और पढ़िए –  Rozgar Mela: प्रधानमंत्री मोदी आज 71 हजार भर्तियों को बांटेंगे नियुक्ति पत्र, VC के जरिए करेंगे संबोधित

बता दें कि निर्वाचन के बाद पहली बार कांग्रेस के सभी विधायकों की बैठक हो रही थी। बताया गया है कि बैठक निर्धारित समय से दो घंटा पहले ही शुरू हो गई थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री पद के लिए दो दावेदारों के अलावा रणदीप सिंह सुरजेवाला और केसी वेणुगोपाल भी शामिल रहे। इसके बाद सीएम कैंडीडेट का समाधान खोजना के लिए एक अलग कमरे में लोग एकत्रित हुए।

सिद्धारमैया बनाम शिवकुमार

सिद्धारमैया ने कथित तौर पर कहा है कि विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने भाजपा सरकार के खिलाफ एक अथक लड़ाई लड़ी थी, जो अब सफल हुई है। उनके पास मुख्यमंत्री के रूप में एक और कार्यकाल पाने के लिए वरिष्ठता, अनुभव और लोकप्रियता भी थी। शिवकुमार ने कहा कि केपीसीसी अध्यक्ष के रूप में उन्होंने 2018 में सिद्धारमैया के तहत कांग्रेस की हार के बाद पुनर्निर्माण किया था। आठ बार के विधायक होने के नाते, उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए।

जबकि सिद्धारमैया ने अपना मामला यह बताते हुए आगे बढ़ाया कि उन्हें न केवल कुरुबाओं, बल्कि सभी ओबीसी, दलितों और अल्पसंख्यकों का समर्थन प्राप्त था। उनका समर्थन कांग्रेस के लिए अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए महत्वपूर्ण होगा। शिवकुमार ने कहा कि राज्य में 11 फीसदी आबादी वाले वोक्कालिगा की इच्छा है कि उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखा जाए। उन्हें अपने वोटों को जद (एस) से कांग्रेस में लाने के लिए मजबूर किया था, जिन्हें निराश नहीं किया जा सकता।

सीएम चुनने के लिए ये रखे गए विकल्प

बहरहाल, सीएम के मुद्दे पर गतिरोध जारी है। पार्टी के केंद्रीय नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से विधायकों के विचारों को मौखिक रूप से इकट्ठा करना शुरू कर दिया। लेकिन, कथित तौर पर कुछ वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि अनौपचारिक रूप से राय मांगने के बजाय, विधायकों को एक गुप्त मतदान की अनुमति दी जाए, ताकि वे खुद एक फैसला ले सकें।

इसके अलावा सिद्धारमैया और शिवकुमार के लिए 30-30 महीने के कार्यकाल का विचार भी रखा गया है। सूत्रों ने कहा कि समाधान के बाद शिवकुमार बड़े विभागों के साथ उपमुख्यमंत्री बनने के लिए सहमत हो सकते हैं और यह आश्वासन दे सकते हैं कि उन्हें ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।

एक से ज्यादा डिप्टी सीएम?

सीएम कैंडीडेट के बाद एक और जटिलता पैदा हो रही है। कांग्रेस समर्थक कुछ महत्वपूर्ण समुदायों के प्रतिनिधियों को समायोजित करने के लिए कम से कम तीन उपमुख्यमंत्रियों की मांग की गई है। लिंगायत समुदाय के बाहुबली एमबी पाटिल ने डीसीएम पद की मांग करते हुए कहा है कि लिंगायत तीन दशकों के बाद कांग्रेस में लौट आए हैं। उन्हें अपनेपन का अहसास कराना और सशक्त बनाना महत्वपूर्ण था, खासकर आने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए।

और पढ़िए – Karnataka CM Tussle: कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे को पर्यवेक्षकों ने सौंपी रिपोर्ट, डीके शिवकुमार बोले- ‘मेरे पेट में संक्रमण, दिल्ली नहीं जाऊंगा’

राज्य में 21% आबादी वाले अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों के नेता भी केपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष जी परमेश्वर और 7 बार के सांसद केएच मुनियप्पा के साथ डीसीएम पद की मांग कर रहे हैं। ये पहली बार विधानसभा में प्रवेश कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस नेतृत्व इस तथ्य से वाकिफ है कि यदि वह एक से ज्यादा उपमुख्यमंत्री के पद की मांग को मान लेता है, तो डीके शिवकुमार, जिन पर सिद्धारमैया के डिप्टी बनने का दबाव डाला जा रहा है, पूरी तरह से मंत्रिमंडल से बाहर हो सकते हैं, क्योंकि वे नहीं चाहेंगे कि इस पद को और कमजोर किया जाए।

देश की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंः-

First published on: May 16, 2023 10:18 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें