Jitan ram manjhi praised chirag paswan (सौरव कुमार): अपने बयानों से बिहार की सियासत को अक्सर गरम करने वाले पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने एक चुनावी नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए ऐसा बयान दे दिया, जिसके बाद से एनडीए के अंदर बवाल मच गया। मांझी की इस नुक्कड़ सभा में लोजपा रामविलास के अध्यक्ष और हाजीपुर से एनडीए उम्मीदवार चिराग पासवान भी मौजूद थे।
दरअसल, एनडीए ने पूर्व सीएम और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी को गया संसदीय सीट से अपना साझा उम्मीदवार बनाया है। जीतनराम मांझी ने अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए पूरा जोर लगा दिया है और घूम-घूम कर नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं। मांझी की नुक्कड़ सभा में लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने मांझी के साथ मंच साझा किया।
मांझी ने नीतीश के बजाए चिराग को बताया भविष्य
अपने भाषण के दौरान मांझी ने एक ऐसी बात कह दी जो एनडीए में घमासान मचाने के लिए काफी है। मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बिना उनके ऊपर सवाल उठाए और चिराग पासवान को बिहार का भविष्य बता दिया। नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा कि चिराग साहेब बिहार के भविष्य हैं। केंद्र में जाकर हमलोग परिस्थितियां बताएंगे कि बिहार का अगला भविष्य चिराग साहेब बनें। मांझी ने कहा कि जाति और धर्म से ऊपर उठकर और बिहार के भविष्य को देखते हुए एनडीए के पक्ष में वोट कीजिए।
अपने ही गठबंधन के लोगों पर सवाल उठाना मांझी की पुरानी आदत
गया में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए जीतनराम मांझी ने कहा कि यह चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनाव है। अबकी बार चार सौ के पार का नारा पीएम मोदी की तरफ से दिया गया है। बिहार की सभी 40 सीटें देने का वादा उनसे हम लोगों ने किया है। इसे लेकर हम लोग अपने-अपने क्षेत्रों में लगे हुए हैं। इस दौरान मांझी ने लोगों से एनडीए के पक्ष में वोट करने की अपील की।
इशारों-इशारों में क्या कहना चाहते हैं मांझी
बता दें कि जीतन राम मांझी जिस भी गठबंधन के साथ रहे हैं, उसके ऊपर सवाल उठाते रहे हैं। अपने ही गठबंधन के नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करना मांझी की पुरानी आदत रही है। वे खुलकर तो कुछ नहीं कहते लेकिन उनका निशाना किसकी तरफ होता है और वे इशारों-इशारों में क्या कहना चाहते हैं, हर किसी को समझ में आता है।
क्या जाति वोटरों को साधने की कोशिश
जीतन राम मांझी जब महागठबंधन में थे तो कभी तेजस्वी यादव तो कभी नीतीश कुमार पर सवाल उठाते रहते थे। शराबबंदी को खत्म करने के लिए मांझी अक्सर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले पर सवाल उठाते रहे हैं। महागठबंधन से अलग होकर मांझी जब एनडीए में शामिल हुए तो चार विधायकों के दम पर सरकार पर दो से तीन मंत्री पद के लिए दबाव बनाने लगे। अब जब उनकी मांग पूरी हो गई है तो पासवान जाति के वोटरों को साधने के लिए नीतीश के बदले चिराग को बिहार का भविष्य बताने लगे हैं।