Seoul Halloween Stampede: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को भीषण सियोल हैलोवीन भगदड़ में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि भारत इस कठिन समय के दौरान दक्षिण कोरिया के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है।
दक्षिण कोरिया की योनहाप समाचार एजेंसी ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि शनिवार को सियोल के इटावन जिले में हैलोवीन समारोह के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 151 लोगों की मौत हो गई और 76 अन्य घायल हो गए।
जयशंकर ने ट्विटर पर कहा, “सियोल में भगदड़ के कारण इतने युवाओं की जान जाने से गहरा सदमा लगा। उन लोगों के परिवारों के प्रति हमारी संवेदनाएं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया। हम इस मुश्किल समय के दौरान कोरिया के साथ एकजुटता से खड़े हैं।”
Deeply shocked at the loss of so many young lives due to the stampede in Seoul. Our condolences to the families of those who lost their dear ones. We stand in solidarity with the Republic of Korea during this difficult time.
— Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar) (@DrSJaishankar) October 30, 2022
एजेंसी ने यह भी बताया कि सियोल हैलोवीन भगदड़ से सबसे ज्यादा युवाओं की मौत हुई है। ये भी जानकारी दी गई है कि इटावन जिले में हैलोवीन पार्टियों के दौरान भगदड़ के बाद लोगों के लापता होने की लगभग 270 रिपोर्ट मिली है।
बता दें कि किसी सेलिब्रेटी के पहुंचने के बाद लोगों का एक बड़ा समूह इटावन बार के बाहर पहुंचा। सोशल मीडिया फ़ुटेज में दिखाया गया है कि भीड़ की जल्दीबाजी और धक्का-मुक्की की वजह से भगदड़ मच गई। कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत की समस्या आई जिसके बाद घटनास्थल पर बचाव अधिकारियों और निजी नागरिकों ने कई लोगों की सहायता की और कई बचाव अधिकारी सड़कों पर खराब स्थिति में पड़े लोगों पर सीपीआर किया।
राष्ट्रपति ने कहा- जांच जारी है
दक्षिण कोरिया की योनहाप न्यूज एजेंसी ने बताया कि आपातकालीन अधिकारियों को सांस लेने में कठिनाई वाले लोगों के कम से कम 81 कॉल आए। अधिकारियों के अनुसार, भगदड़ को लेकर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक-येओल ने रविवार को एक आपातकालीन प्रतिक्रिया बैठक की अध्यक्षता की।
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स्थानीय मीडिया ने यूं के हवाले से बताया, “सर्वोच्च प्राथमिकता मरीजों को ले जाना और उन्हें बचाना और प्रभावित लोगों को तत्काल चिकित्सा उपचार मुहैया कराना है।” अधिकारी अभी भी दुर्घटना के सही कारणों की जांच कर रहे हैं।
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