इंडियन रेलवे ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के पहले 16-कार प्रोटोटाइप रेक के लिए फील्ड ट्रायल को पूरा कर लिया है। इससे वंदे भारत के बेड़े का विस्तार करने में आसानी होगी। इस बारे में केंद्र सरकार ने संसद को भी सूचित किया है। सरकार ने बताया है कि प्रोटोटाइप का निर्माण पहले ही किया जा चुका है, वर्तमान में यह प्रक्रिया अंतिम चरणों में है। वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के रोलआउट के लिए चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में 16-कार कॉन्फिग्रेशन में कुल 10 रेक बनाए जाने प्रावधान है। वहीं, 24-कार कॉन्फिग्रेशन में 50 रेक का निर्माण किया जाना है।
यह भी पढ़ें:महिलाओं को कब से मिलेंगे 2500 रुपये? आतिशी ने दिल्ली सरकार से पूछे ये सवाल
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा को इसके बारे में एक प्रश्न लिखकर जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के पहले सेट के तहत 16-कार प्रोटोटाइप रेक का निर्माण पूरा कर लिया गया है। इसका फील्ड ट्रायल भी पूरा हो चुका है और रेक चालू होने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। 16-कार के 10 और 24-कार के 50 रेक आईसीएफ चेन्नई में बनाए जाने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा मंत्रालय ने 200 वंदे भारत स्लीपर रेक के उत्पादन के लिए करार भी किया है। इसके लिए कई कंपनियों से संपर्क किया गया है, जिसमें इंडियन रेलवे के कर्मचारियों का भी सहयोग लिया जाएगा।
🚨 🚆 Vande Bharat Sleeper train🚆
---विज्ञापन---✅ Trials of the first 16-car prototype completed, commissioning underway
✅ 10 rakes 16-car & 50 rakes 24-car provisioned for production at ICF Chennai
✅ Equipped with KAVACH, CCTV, fire safety & other features#railways pic.twitter.com/dCrxUeEBtK
— The Tradesman (@The_Tradesman1) March 22, 2025
एंटी फायर डोर सिस्टम लगाए जाएंगे
ट्रेन को पूरी तरह स्वदेशी ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम के तहत बनाया जाएगा। ट्रेन की बॉडी यात्री सुरक्षा के लिहाज से पूरी तरह क्रैशवर्थी सेमी-परमानेंट कपलर, एंटी-क्लाइंबर्स मानकों पर तैयार की जाएगी। ट्रेन को बनाने में EN-45545 HL3 सुरक्षा तकनीक का सहारा लिया जाएगा, ताकि आग लगने की स्थिति में बचाव हो सके। प्रत्येक कोच के अंत में एंटी फायर डोर सिस्टम लगाए जाएंगे।
सीसीटीवी कैमरों से होगी निगरानी
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में रिजेनेरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम लगाया जाएगा, जो परिचालन क्षमता को बेहतर करने के साथ ही ऊर्जा की बचत में कारगर रहेगा। ट्रेन के निर्माण में यात्रियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है। सीटों के साथ स्वचालित प्लग दरवाजे, ऊपरी बर्थ तक पहुंचने के लिए एर्गोनॉमिक सीढ़ियां लगाई जाएंगी। सुरक्षा के लिहाज से ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे, ट्रेन प्रबंधक और लोको पायलट के साथ संपर्क के लिए एक आपातकालीन टॉक-बैक सिस्टम, एसी और लाइटिंग की बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी।
यह भी पढ़ें:दिल्ली नगर निगम में नामित 14 विधायक कौन? किस अहम काम में देंगे सहयोग