India Responds Pakistan: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में पाकिस्तान की सेना द्वारा जुल्म ढहाए जा रहे हैं. लोगों की आवाज का दमन किया जा रहा है. इस कृत के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान की सरकार को दोषी ठहराया जाना चाहिए. शहबाज शरीफ की नीतियां PoK के हालातों के लिए जिम्मेदार है. असीम मुनीर का स्वार्थी रवैया इसके लिए दोषी है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में लोगों पर हो रहे अत्याचारों की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान, शहबाज शरीफ, असीम मुनीर को खरी-खरी सुनाई.
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हिंसक हुआ PoK में विरोध प्रदर्शन
बता दें कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में जम्मू-कश्मीर जॉइंट आवामी एक्शन कमेटी के नेतृत्व में पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है, जो अब हिंसक हो गया है. क्योंकि पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार और आसिम मुनीर की सेना जन आंदोलन का दमन कर रही है. इसके चलते PoK के हालातों पर भारत ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है. भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि भारत PoK के हालातों से पूरी तरह वाकिफ है और वे हालात पाकिस्तान की दमनकारी नीतियों के कारण बने हैं.
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गोलीबारी में 12 लोगों ने गंवाई जान
MEA प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में प्रदर्शनकारियों और बेगुनाह लोगों पर गोलियां चलाकर मानवाधिकार का उल्लंघन किया जा रहा है. मुजफ्फराबाद, मीरपुर, कोटली, रावलाकोट और नीलम घाटी समेत कई जिलों में शहबाज सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा था, पाकिस्तान की सेना ने निहत्थे लोगों पर गोलियां चलाकर प्रदर्शन को हिंसक बना दिया. गोलीबारी में 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसके बाद प्रदर्शनकारी कराची और इस्लामाबाद तक पहुंच गए, जिसके चलते अब जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है और मार्केट-परिवहन व्यवस्था ठप हो चुकी है.
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PoK में क्या छिड़ा है जन आंदोलन?
बता दें कि पाक अधिकृत कश्मीर में रहने वाले लोगों का आरोप है कि उनके शहर से जिन संसाधनों का इस्तेमाल सरकार करती है, उनका लाभ शहर के लोगों के साथ शेयर नहीं किया जाता. शहबाज सरकार PoK के लोगों की अनदेखी कर रही है. शहबाज सरकार ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही AAC की 38 सूत्रीय मांगों को भी रिजेक्ट कर दिया है. PoK में विधानसभा की सभी 12 आरक्षित सीटों को खत्म करने की मांग की गई है. बिजली दरों में कटौती करने, गेहूं और अन्य जरूरी सामानों पर सब्सिडी देने की मांग भी की गई है.










