Earthquake Explainer: देश की राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में मंगलवार को 6.6 तीव्रता वाला भूकंप अनुभव किया गया। इस भूकंप का केन्द्र अफगानिस्तान में था जहां लगभग 10 लोगों की मृत्यु भी हो गई और प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 150 ले अधिक जख्मी भी हो गए। आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि डच रिसर्चर फ्रैंक होगरबीट्स ने इस भूकंप की पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी।
उल्लेखनीय है कि फ्रैंक होगरबीट्स (Frank Hoogerbeets) ने ही तुर्की में गत माह आए विनाशकारी भूकंप की भी पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी। हाल ही में उन्होंने फिर एक भविष्यवाणी करते हुए कहा है कि बहुत जल्द दक्षिण एशियाई देशों में बड़ा भूकंप आ सकता है। इन देशों में भारत और पाकिस्तान भी शामिल हैं। उन्होंने कहा है कि बहुत जल्द इन देशों में बड़े भूकंप देखने को मिलेंगे जो हिंद महासागर में जाकर समाप्त होंगे। यदि उनकी पिछली भविष्यवाणियों की तरह यह भी सही सिद्ध होती है तो हम सभी बहुत बड़े खतरे में हैं।
Dutch researcher @hogrbe who anticipated the quake in #Turkey and #Syria three days ago had also predicted seismic activity anticipating a large size earthquake originating in #Afghanistan, through #Pakistan and #India eventually terminating into the Indian Ocean. @AlkhidmatOrg pic.twitter.com/qdg4xxREGf
---विज्ञापन---— Muhammad Ibrahim Qazi (@miqazi) February 6, 2023
कौन है फ्रैंक होगरबीट्स (Frank Hoogerbeets)
दरअसल फ्रैंक होगरबीट्स एक भूवैज्ञानिक हैं जो पृथ्वी पर आने वाले भूकंपों के अंदाजा लगाने का प्रयास करते हैं। वह कहते हैं कि ग्रहों के गोचर की गणना करके पृथ्वी के किस हिस्से में कितनी तीव्रता का भूकंप आएगा, इसका काफी हद तक सही अंदाजा लगाया जा सकता है। उनके अनुसार ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण बल के बीच होने वाली आपसी खींचतान भी भूकंपों का कारण है।
It is the convergence of planetary conjunctions in particular that results in stronger seismic activity. The previous convergence was on 2 March and resulted in a M 6.9 earthquake, also at the Kermadec Islands. pic.twitter.com/dMsrC3GgWC
— Frank Hoogerbeets (@hogrbe) March 16, 2023
उन्होंने तुर्की और आसपास के क्षेत्रों में भयावह भूकंप आने की बात कही थी जो बहुत जल्द ही सत्य भी हो गई। इसके बाद हाल ही में उन्होंने अफगानिस्तान से शुरू होकर पाकिस्तान और भारत में अर्थक्वेक आने की भविष्यवाणी की। यह बात भी मंगलवार को सही सिद्ध हो गई।
Planetary & Seismic Update 20 March 2023https://t.co/DABfVQDPUx
— SSGEOS (@ssgeos) March 20, 2023
हाल ही में उनका एक यूट्यूब वीडियो भी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है कि यदि वायुमंडलीय उतार-चढ़ाव के पैटर्न को देखा जाए तो जहां निकट भविष्य में भूकंप आने वाला हैं, उन क्षेत्रों को पहचाना जा सकता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि ये सभी अनुमान हैं और इनके आधार पर सटीक भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।
ऐसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता (Earthquake on Richter Scale)
भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल बनाई गई है। इस पर शून्य से दस तक के अंकों में भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। आइए जानते हैं कि किस श्रेणी के भूकंपों को खतरनाक माना जाता है और कौनसे सुरक्षित हैं।
- शून्य से लेकर 1.9 तक की तीव्रता वाले भूकंप बहुत हल्के होते हैं। इनका आसानी से पता भी नहीं चलता। इन्हें सिर्फ सीज्मोग्राफ की मदद से ही जाना जा सकता है।
- 2 से 2.9 तक की तीव्रता के भूकंप में हल्का कंपन होता है जो ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ता।
- 3 से 3.9 तक की तीव्रता के भूकंप में एक तेज झटका अनुभव होता है जिसे अधिक खतरनाक नहीं माना जाता है।
- 4 से 4.9 तक की तीव्रता आने पर घर के खिड़की-दरवाजे टूट सकते हैं, दीवारों पर लगा सामान नीचे गिर सकता है।
- 5 से 5.9 तक की तीव्रता के भूकंप से घर में रखा हुआ फर्नीचर और दूसरा भारी सामान भी हिल जाता है, जिसे आप स्पष्ट तौर पर देख सकते हैं।
- 6 से 6.9 तक की तीव्रता के भूकंप खतरनाक होते हैं और मकानों को खासा नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- 7 से 7.9 तक की तीव्रता के भूकंप निश्चित रूप से खतरनाक होते हैं। इमारतों की नींव धंस सकती हैं, बिल्डिंग्स के गिरने का खतरा बढ़ जाता है।
- 8 से 8.9 तक की तीव्रता के भूकंप में मजबूत इमारतें भी गिर सकती हैं। बड़े पुल, रेल्वे लाइन और दूसरे इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचता है।
- 9 से 10 तक की तीव्रता वाले भूकंप जब भी आते हैं तो भयानक तबाही मचाते हैं। यदि ऐसा समुद्र के नजदीक हो तो भूकंप के साथ-साथ सुनामी भी आती है जो सब कुछ बर्बाद कर सकती है।
ये हैं दुनिया के सबसे भीषण भूकंप (World’s Most Dangerous Earthquakes)
पृथ्वी पर भूकंप आना एक सामान्य प्रक्रिया है। इसके पीछे धरती के अंदर की ओर होने वाली धरातलीय गतिविधियां हैं। धरती के अलग-अलग हिस्सों में अक्सर कम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं। इन भूकंपों में कोई खास नुकसान नहीं होता है और जान-माल भी सुरक्षित रहते हैं। परन्तु कई बार ऐसे भी भूकंप आते हैं जो सब कुछ तबाह कर देते हैं। जानिए ऐसे ही 4 विनाशकारी भूकंपों के बारे में
वाल्डिविया भूकंप (1960)
इस भूकंप को दुनिया का सबसे भीषण भूकंप माना जाता है। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 9.5 थी जो आज तक सर्वाधिक मांपी गई है। Valdivia Earthquake 22 मई 1960 को दोपहर में चिली के तट से लगभग सौ किलोमीटर दूर और वाल्डिविया शहर के समानांतर आया था। यह लगभग दस मिनट तक रहा। भूकंप के कारण समुद्र में 80 फीट से भी ज्यादा ऊंची लहरों वाली सुनामी आई। एक अंदाजे के अनुसार इस भूकंप में लगभग 5000 से अधिक लोग मारे गए थे और लगभग तीन हजार घायल हो गए थे।
ग्रेट अलास्का भूकंप (1964)
इस भूकंप (Great Alaska Earthquake) को गुड फ्राइडे भूकंप के नाम से भी जाना जाता है। यह गुड फ्राइडे के दिन 27 मार्च 1964 को सायं 5.36 बजे आया था। इसकी तीव्रता 9.2 थी और यह करीब 4.5 मिनट तक रहा। इस भूकंप के चलते चेनेगा गांव पूरी तरह तबाह हो गया। वहां बंदरगाह और गोदी पूरी तरह ढह गए और करीब 140 लोगों की मृत्यु हो गई थी।
सुमात्रा भूकंप (2004)
इस भूकंप को 21वीं सदी के सर्वाधिक विनाशकारी भूकंपों में एक माना जाता है। यह वर्ष 2004 में इंडोनेशिया के पश्चिमी तट सुमात्रा पर आया था। इसकी तीव्रता 9.1 थी। इसका प्रभाव 1500 किलोमीटर की दूरी तक अनुभव किया गया। वैज्ञानिकों के अनुसार Sumatra Earthquake में हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से भी करीब 550 मिलियन (1 मिलियन में दस लाख) गुणा ऊर्जा निकली थी। भूकंप की वजह से समुद्र में 100 फीट ऊंची लहरें उठीं जिसने सब तबाह कर दिया। आंकड़ों के अनुसार इसमें करीब एक लाख लोगों की मृत्यु हो गई थी।
तोहोकू भूकंप (2011)
यह भूकंप 11 मार्च 2011 को जापान में आया था। इसे भी इस सदी का सर्वाधिक विनाशकारी भूकंप (Tōhoku Earthquake) माना गया है। भूकंप के कारण जापान के समुद्री तटों पर लगभग 133 फीट ऊंची लहरों वाली सुनामी आई जिसमें सब कुछ खत्म कर दिया। यही नहीं, इसकी वजह से वहां मौजूद तीन एटोमिक एनर्जी रिएक्टर भी क्षतिग्रस्त हो गए जो अपने आप में एक आपदा थी। इसके कारण वहां पर 1,27,290 इमारतें पूरी तरह से ढह गईं जबकि 2,72,788 इमारतें आधी से ज्यादा नष्ट हो गई। इस प्राकृतिक आपदा में 15,894 मौतों, 6,152 घायलों और 2,562 लोगों के लापता होने की पुष्टि की गई थी।
दुनिया के इन हिस्सों में आते हैं सर्वाधिक भूकंप (Most Earthquake Prone Country in World)
ऐसा नहीं है कि पूरी धरती पर ही समान रूप से भूकंप आते हैं। कुछ हिस्सों में भूगर्भीय गतिविधियां ज्यादा होने से वहां ज्यादा भूकंप आते हैं। इसी धरती के कुछ हिस्सों में भूकंप न के बराबर आते हैं। यदि सर्वाधिक संभावित जगहों की बात करें तो वैज्ञानिकों के अनुसार जापान, इंडोनेशिया, फिजी में सर्वाधिक भूकंप आते हैं। ईरान और चीन भी कुछ हद तक गिने जा सकते हैं। दुनिया के अधिकतर विनाशकारी भूकंप भी इन्हीं क्षेत्रों में दर्ज किए गए हैं।
यहां नहीं के बराबर आते हैं भूकंप
यदि भूकंप से सुरक्षित क्षेत्रों की बात की जाए तो अंटार्कटिका में सबसे कम भूकंप आते हैं। हालांकि भूकंप धरती के किसी भी हिस्से में आ सकते हैं फिर भी उनकी तीव्रता अंटार्कटिका में बहुत कम होती है और उनके कारण नुकसान भी लगभग नहीं के बराबर होता है।
और पढ़िए – देश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें