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‘जब हम ऊंचा उड़ेंगे, तभी हम विश्व को भी समाधान दे पाएंगे’, लाल किले से बोले PM मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 76वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से कहा कि आज आजादी की जंग लड़ने वाले और आजादी के बाद देश बनाने वाले भी डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, लाल बहादुर शास्त्री, दीन दयाल उपाध्याय, जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, आचार्य विनोबा भावे, […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Aug 15, 2022 09:03
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 76वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से कहा कि आज आजादी की जंग लड़ने वाले और आजादी के बाद देश बनाने वाले भी डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, लाल बहादुर शास्त्री, दीन दयाल उपाध्याय, जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, आचार्य विनोबा भावे, नाना जी देशमुख जैसे अनेक महापुरुषों को आज नमन करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि मैं विश्व भर में फैले हुए भारत प्रेमियों को, भारतीयों को आजादी के इस अमृत महोत्सव की बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

सेना के जवानों का हृदय से अभिनंदन करना चाहता हूं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

आज देश की सेना के जवानों का हृदय से अभिनंदन करना चाहता हूं। मेरी आत्मनिर्भर की बात को संगठित स्वरूप में, साहस के स्वरूप में, सेना के जवानों और सेनानायकों ने जिस जिम्मेदारी के साथ कंधे पर उठाया, उनको आज मैं सैल्यूट करता हूं। भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, उससे देश को लड़ना ही होगा। हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटाना भी पड़े, हम इसकी कोशिश कर रहे हैं। जब मैं भाई-भतीजावाद और परिवारवाद की बात करता हूं, तो लोगों को लगता है कि मैं सिर्फ राजनीति की बात कर रहा हूं। जी नहीं, दुर्भाग्य से राजनीतिक क्षेत्र की उस बुराई ने हिंदुस्तान के हर संस्थान में परिवारवाद को पोषित कर दिया है।

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जब हम ऊंचा उड़ेंगे, तभी हम विश्व को भी समाधान दे पाएंगे: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हमने देखा है कि कभी कभी हमारे टैंलेंट भाषा के बंधनों में बंध जाते हैं। ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है। हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए। आत्मनिर्भर भारत, ये हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर एक इकाई का दायित्व बन जाता है। आत्मनिर्भर भारत, ये सरकारी एजेंडा या सरकारी कार्यक्रम नहीं है, ये समाज का जनआंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है।

पीएम ने कहा कि ये हमारे नौजवान हैं, जो आज नई नई खोज के साथ दुनिया के सामने आ रहे हैं। गुलामी की मानसिकता को हमें तिलांजली देनी पड़ेगी, अपने सामर्थ्य पर भरोसा करना होगा। पीएम ने कहा कि हमारी विरासत पर हमें गर्व होना चाहिए। जब हम अपनी धरती से जुड़ेंगे, तभी तो ऊंचा उड़ेंगे। जब हम ऊंचा उड़ेंगे, तभी हम विश्व को भी समाधान दे पाएंगे।

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75 साल बाद लाल किले पर दी गई मेड इन इंडिया तोप से सलामी

हमारा प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक रिसर्च के लिए भरपूर मदद मिले। इसलिए हम स्पेस मिशन, Deep Ocean Mission का विस्तार कर रहे हैं। स्पेस और समंदर की गहराई में ही हमारे भविष्य के लिए जरूरी समाधान हैं। आजादी के 75 साल के बाद जिस आवाज को सुनने के लिए हमारे कान तरस रहे थे। आज 75 साल के बाद वो आवाज सुनाई दी है। 75 साल के बाद लाल किले पर तिरंगे को सलामी देने का काम पहली बार मेड इन इंडिया तोप ने किया है।

भारत की धरती से जुड़ी हुई है हमारी नई शिक्षा नीति: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जिस प्रकार से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनी है, जिस मंथन के साथ बनी है, कोटि-कोटि लोगों के विचार प्रवाह को संकलित करते हुए बनी है। भारत की धरती से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कालखंड में दुनिया वैक्सीन लेने या न लेने की उलझन में जी रही थी। उस समय हमारे देश लोगों ने 200 करोड़ डोज लेकर दुनिया को चौंका देने वाला काम करके दिखाया। उन्होंने कहा कि आज विश्व पर्यावरण की समस्या से जूझ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओं के समाधान का रास्ता हमारे पास है। इसके लिए हमारे पास वो विरासत है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है।

हम वो लोग हैं जो नारी में नारायणी को देखते हैं: प्रधानमंत्री मोदी

उन्होंने कहा कि जब तनाव की बात होती है तो लोगों को योग दिखता है, सामूहिक तनाव की बात होती है तो भारत की पारिवारिक व्यवस्था दिखती है। संयुक्त परिवार की एक पूंजी सदियों से हमारी माताओं के त्याग बलिदान के कारण परिवार नाम की जो व्यवस्था विकसित हुई, ये हमारी विरासत है जिसपर हम गर्व करते हैं। पीएम ने कहा कि हम जीव में भी शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं जो नर में नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं जो पौधे में परमात्मा देखते हैं… ये हमारा सामर्थ्य है, जब विश्व के सामने खुद गर्व करेंगे तो दुनिया करेगी।

अगले 25 सालों के लिए पीएम मोदी ने बताया पंच प्राण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगले 25 सालों के बाद देश आजादी की 100वीं वर्षगांठ मना रहा होगा। उस समय के लिए यानी अगले 25 सालों के लिए पंचप्राण है… 1.विकसित भारत बनाने के लिये बड़ा संकल्प 2. ग़ुलामी का एक भी अंश पचने नहीं देना 3.विरासत पर गर्व होना चाहिए 4. एकता और एकजुटता 5. नागरिकों का कर्तव्य। पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले 25 साल के लिए हमें ‘पंच प्रण’ पर अपनी शक्ति, संकल्पों और सामर्थ्य को केंद्रित करना होगा। 2047 जब आज़ादी के 100 साल होंगे, आज़ादी के दिवानों के सारे सपने पूरे करने का जिम्मा उठाकर चलना होगा। उन्होंने कहा कि अनुभव कहता है कि एक बार हम सब संकल्प लेकर चल पड़ें, तो हम निर्धारित लक्ष्यों को पार कर लेते हैं।

पीएम मोदी ने लाल किले पर नौवीं बार फहराया राष्ट्रीय ध्वज

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौवीं बार लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस दौरान 21 तोपों की सलामी भी दी गई। लाल किले के आसपास भी सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। लाल किले से संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 75 साल में आज इन सबको और देश के कोटि-कोटि नागरिकों को, जिन्होंने 75 साल में अनेक कठिनाइयों के बीच भी देश को आगे बढ़ाने के लिए अपने से जो हो सका, वो करने का प्रयास किया है, को स्मरण करने का दिन है।

पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि अमृतकाल का पहला प्रभात Aspirational Society की आकांक्षा को पूरा करने का सुनहरा अवसर है। हमारे देश के भीतर कितना बड़ा सामर्थ्य है, एक तिरंगे झंडे ने दिखा दिया है। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने दशकों के बाद पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है। समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर दुनिया खोजने लगी है। विश्व का ये बदलाव, विश्व की सोच में ये परिवर्तन 75 साल की हमारी यात्रा का परिणाम है।

उन सभी महापुरुषों को भी याद किया जाएगा, जिन्हें इतिहास में जगह नहीं मिली: PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो पिछले 75 साल में देश के लिए जीने-मरने वाले, देश की सुरक्षा करने वाले, देश के संकल्पों को पूरा करने वाले चाहे सेना के जवान हों,पुलिसकर्मी हों, जन प्रतिनिधि हों, स्थानीय स्वराज की संस्थाओं के प्रशासक रहे हों। हिंदुस्तान के हर कोने में उन सभी महापुरुषों को याद करने का प्रयास किया गया, जिनको किसी न किसी कारणवश इतिहास में जगह न मिली, या उनकों भुला दिया गया था। आज देश ने खोज खोज कर ऐसे वीरों, महापुरुषों, बलिदानियों, सत्याग्रहियों को याद किया, नमन किया।

अनेक महापुरुषों को आज नमन करने का अवसर हैं: PM मोदी

अमृत महोत्सव के दौरान देशवासियों ने देश के हर कोने में लक्ष्यावधि कार्यक्रम किये। शायद इतिहास में इतना विशाल, व्यापक, लंबा एक ही मकसद का उत्सव मनाया गया हो। वो शायद एक पहली घटना हुई है। आजादी की जंग लड़ने वाले और आजादी के बाद देश बनाने वाले भी अनेक महापुरुषों को आज नमन करने का अवसर है। देश कृतज्ञ है मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, असफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल ऐसे अनगिनत ऐसे हमारे क्रांति वीरों ने अंग्रेजों की हुकूमत की नींव हिला दी थी।

विश्व के हर कोने में हमारा तिरंगा आन-बान-शान के साथ लहरा रहा है: PM मोदी

आज का ये दिवस ऐतिहासिक है। एक पूण्य पड़ाव, एक नई राह , एक नए संकल्प और नए सामर्थ्य के साथ कदम बढ़ाने का ये शुभ अवसर है। हिंदुस्तान का कोई कोना, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैंकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो, जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हो, आहुति न दी हो। आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष को, हर त्यागी और बलिदानी को नमन करने का अवसर है। न सिर्फ हिंदुस्तान का हर कोना, लेकिन दुनिया के हर कोने में आज किसी न किसी रूप में भारतीयों के द्वारा या भारत के प्रति अपार प्रेम रखने वाला विश्व के हर कोने में ये हमारा तिरंगा आन-बान-शान के साथ लहरा रहा है।

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Edited By

Om Pratap

First published on: Aug 15, 2022 08:54 AM
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