Article 370 Petitions: आईएएस शाह फैसल और पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद ने अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाएं वापस ले ली हैं। देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने आज फैसल और शेहला को अपनी याचिकाएं वापस लेने की अनुमति दे दी। बेंच ने निर्देश दिया कि फैसल और शेहला के नाम याचिकाकर्ताओं की सूची से हटा दिए जाएं।
फैसल पहली बार 2009 में सिविल सेवा प्रवेश परीक्षा यूपीएससी में टॉप करके सुर्खियों में आए थे। ऐसा करने वाले वे पहले कश्मीरी थे। कई सरकारी पोस्टिंग के बाद उन्होंने “कश्मीर में बेरोकटोक हत्याओं” के विरोध में 2019 में सेवा से इस्तीफा दे दिया।
फैसल ने बनाई थी अपनी राजनीतिक पार्टी
एक फेसबुक पोस्ट में उन्होंने केंद्र पर भारतीय मुसलमानों को हाशिए पर रखने और सार्वजनिक संस्थानों को नष्ट करने का आरोप लगाया। इसके बाद उन्होंने एक राजनीतिक पार्टी, जम्मू एंड कश्मीर पीपल्स मूवमेंट, लॉन्च की थी।
SC में धारा 370 पर दाखिल याचिकाओं से IAS शाह फ़ैसल और शहला राशिद ने अपने-अपने नाम वापस लिए
◆ दोनों के वकील ने SC को बताया, "वे इस मामले में पार्टी नहीं बनना चाहते हैं" #Article370 | Article 370 | Shah Faesal | #ShahFaesal | Shehla Rashid | #ShehlaRashid pic.twitter.com/lRjlccVggY
— News24 (@news24tvchannel) July 11, 2023
जेएनयू छात्र संघ की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं शेहला रशीद
शेहला रशीद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्र संघ की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। 2016 में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए कन्हैया कुमार और उमर खालिद समेत कई छात्र नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर आंदोलन के दौरान शेहला चर्चा में आई थी। कन्हैया कुमार अब कांग्रेस नेता हैं। उमर खालिद दिल्ली दंगों के एक मामले में जेल में हैं। शेहला रशीद बाद में शाह फैसल की पार्टी में शामिल हो गईं।
फैसल उन कश्मीरी नेताओं में शामिल थे, जिन्हें केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद हिरासत में लिया गया था। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। बता दें कि जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट ने घोषणा की कि फैसल को उनके अनुरोध पर पार्टी सदस्य के रूप में कार्यमुक्त कर दिया गया है। शेहला रशीद ने भी पार्टी छोड़ दी है।
फैसल ने ट्वीट कर कहा था- अनुच्छेद 370 अब अतीत की बात है
पिछले साल, फैसल ने सरकारी सेवा में बहाली के लिए आवेदन किया था और अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए गए थे। उनका आवेदन स्वीकार कर लिया गया था। हाल ही में एक ट्विटर पोस्ट में फैसल ने कहा कि अनुच्छेद 370 अब अतीत की बात है। झेलम और गंगा हमेशा के लिए महान हिंद महासागर में विलीन हो गई है। कोई पीछे नहीं जा सकता। केवल आगे बढ़ना है।