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Farmers Protest 2024: किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च 2020 के आंदोलन से कितना अलग है? 5 प्वाइंट्स में समझें

Farmers Protest: किसानों का आज दिल्ली में विरोध प्रदर्शन है। यह प्रदर्शन 2020 के आंदोलन से कितना अलग है? आइए, जानते हैं...

Edited By : Achyut Kumar | Updated: Feb 13, 2024 08:12
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Farmers Protest Delhi Chalo March; 2020 के किसान आंदोलन से कितना अलग है 'दिल्ली चलो' मार्च

Farmers Protest 2024 Delhi Chalo March: उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसान दिल्ली की ओर बढ़ने लगे हैं। किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच आखिरी दौर की बैठक बेनतीजा रही। हालांकि, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि किसानों द्वारा उठाए गए अधिकांश मुद्दों पर सहमति बन गई है। सरकार ने बाकी मुद्दों के समाधान के लिए एक समिति बनाने का प्रस्ताव रखा है। वहीं, किसान नेताओं ने कहा कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी की कोई स्पष्टता नहीं है।

‘दिल्ली चलो’ मार्च में 200 से अधिक किसान संघ होंगे शामिल

किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च में 200 से अधिक किसान संघ शामिल होंगे। किसानों के 2020 के आंदोलन को देखते हुए इस बार उन्हें दिल्ली तक नहीं आने देने के कई उपाय किए गए हैं। किसान आज 10 बजे ‘दिल्ली चलो‘ मार्च शुरू करेंगे। हरियाणा की सरकार ने अपनी सीमा पर बड़ी बाड़ लगा दी है, ताकि प्रदर्शनकारी किसान पंजाब से हरियाणा में प्रवेश न कर सकें। आइए, जानते हैं कि किसानों का विरोध प्रदर्शन 2020 के आंदोलन से कितना अलग है…

1- किसान विरोध प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं?

किसानों ने 2020 में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था, जिन्हें 2021 में निरस्त कर दिया। अब किसानों ने सभी फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग के फॉर्मूले को लागू करने, किसानों के लिए पूर्ण कर्ज माफी, किसानों और मजदूरों के लिए पेंशन, 2020-21 के विरोध के दौरान किसानों के खिलाफ मामलों को वापस लेने की मांग करते हुए 2023 में ‘दिल्ली चलो’ की घोषणा की थी।

2- विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कौन कर रहा है?

किसानों के आज होने वाले विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व विभिन्न किसान संघों द्वारा किया जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने दिल्ली चलो 2.0 का ऐलान किया है।

3- राकेश टिकैत शामिल होंगे कि नहीं?
किसानों के 2020 में किए गए आंदोलन के दौरान प्रमुख चेहरा रहे राकेश टिकैत दिल्ली चलो मार्च में शामिल नहीं होंगे। उनके साथ गुरनाम सिंह चारुनी भी मार्च का हिस्सा नहीं होंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर के महासचिव सरवन सिंह पंधेर मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।

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4- किसानों को रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है?

किसानों को रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सीमा पर कंटीले तार, सीमेंट बैरिकेड और सड़कों पर कीलें लगाने के साथ ही दिल्ली की सभी सड़कों को बंद कर दिया गया है, जिनसे किसान आने वाले थे। दिल्ली में धारा 144 भी लागू कर दी गई है। हरियाणा सरकार ने पंजाब से लगने वाली अपनी सभी सीमाओं को सील कर दिया है।

5- केंद्र सरकार ने दिल्ली चलो मार्च पर क्या कहा?

पिछली बार हुए किसान आंदोलन से सबक लेते हुए केंद्र सरकार ने इस बार किसानों के दिल्ली चलो मार्च से पहले ही बातचीत की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच पहली बैठक 8 फरवरी और दूसरी बैठक 12 फरवरी को हुई थी। बैठक में केंद्र ने किसानों के खिलाफ 2020 में दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने की मांग स्वीकार कर ली, लेकिन एमएसपी की कोई गारंटी नहीं दी।

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Edited By

Achyut Kumar

First published on: Feb 13, 2024 07:58 AM

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