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Electoral Bonds: बीजेपी को मिला 7721 करोड़ का चुनावी चंदा, कांग्रेस-TMC को कितने मिले?

Electoral Bonds ADR Report: एडीआर ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 7000 करोड़ रुपये से ज्यादा का चुनावी चंदा मिला है, जो कुल पार्टियों को मिले चुनावी चंदे का करीब 50 फीसदी हिस्सा है। इस रिपोर्ट में कांग्रेस, टीएमसी और बीजेडी को मिले चुनावी चंदे का जिक्र किया गया है।

Edited By : Achyut Kumar | Updated: Mar 16, 2024 09:42
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East Delhi Lok Sabha Seat Political Analysis
दिल्ली की पूर्वी सीट पर इस बार कांग्रेस ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है।

Electoral Bonds ADR Report: लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का आज ऐलान होगा। उससे पहले, देश में इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा छाया हुआ है। इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना पर रोक लगा दी थी। अब एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने एक डेटा जारी किया है, जिससे बड़ा खुलासा हुआ है। एडीआर के डेटा से पता चलता है कि बीजेपी को 2017-18 में चुनावी बॉन्ड पेश होने के बाद से कुल दलों को मिले धन का 50 फीसदी हिस्सा प्राप्त हुआ है।

बीजेपी को मिली 50 फीसदी राशि

एडीआर ने बताया कि इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 2017-18 में बीजेपी को 1450.9 करोड़ रुपये और 2018-19 में 210 करोड़ रुपये मिले वहीं, अगर इसे 12 अप्रैल से 2019 से 24 जनवरी 2024 की अवधि में मिले 6060.5 करोड़ में जोड़ दें तो यह राशि 7721.4 करोड़ रुपये हो जाती है। यह चुनावी बॉन्ड से मिले कुल 15,529 करोड़ का करीब 50 फीसदी हिस्सा है।

कांग्रेस को चुनावी बॉन्ड से कितने रुपये मिले?

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस को दो सालों में 383.3 करोड़ और 5 करोड़ रुपये मिले। वहीं, अबतक कुल 1810 करोड़ रुपये मिले। वहीं, टीएमसी को पिछले 2 सालों में 97.3 करोड़ रुपये मिले। टीएमसी को अबतक चुनावी बॉन्ड से कुल 1706.8 करोड़ रुपये मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक,  बीजू जनता दल को 2018-19 में 213.5 करोड़ रुपये मिले। पार्टी को अबतक कुल 989 करोड़ रुपये मिले। इसमें एक अप्रैल 2019 से 11 अप्रैल 2019 तक का डेटा नहीं जोड़ा गया है।

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2017 में हुई थी चुनावी बॉन्ड योजना की शुरुआत

बता दें कि चुनावी बॉन्ड योजना की शुरुआत 2017 में हुई थी। इसे सुप्रीम कोर्ट ने इस साल बंद कर दिया। कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को चुनावी बॉन्ड के जरिए मिले धन का ब्यौरा जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को चुनावी बॉन्ड की संख्या न बताने पर एसबीआई को फटकार लगाई और नोटिस भी जारी किया।

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First published on: Mar 16, 2024 08:39 AM

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