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Bakrid 2024: भारत में दिखा ईद-उल-अजहा का चांद, शिया कमेटी ने किया बकरीद की तारीख का ऐलान

Eid Al Azha: मुस्लिम धर्म में ईद अल अजहा को कुर्बानी का त्योहार माना जाता है। मुस्लिम इस दिन जानवरों की कुर्बानी देते हैं। मुस्लिम धर्म में कुर्बानी को अल्लाह के प्रति भक्ति और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इसके बाद भोजन को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। पहला हिस्सा परिवार के लिए होता है। दूसरा रिश्तेदारों के लिए।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Jun 7, 2024 22:33
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Jama Masjid Delhi Eid Celebration
बकरीद का त्योहार।

Eid Al Azha Bakrid Date: मुस्लिम ईद अल अजहा को कुर्बानी ईद के तौर मनाते हैं। इस मक्का में मौजूद पांचों स्तंभों में से एक माना जाता है। वार्षिक हज यात्रा पूरी होने के बाद 8 से लेकर 12वें दिन तक धुल हिज्जा का त्योहार मनाया जाता है। वहीं, ईद अल अजहा (बकरा ईद, बखरीद, बकरीद ईद कुर्बान, कुर्बान बयारामी और बलिदान का त्योहार) धुल हिज्जा के 10वें दिन मनाया जाता है। इस मुस्लिमों के लिए साल का सबसे पवित्र दिन माना जाता है। इसकी तारीख कोई फिक्स नहीं है। इस्लामी चंद्र कैलेंडर के अंतिम महीने यानी धुल हिज्जा/जिल हज के लिए आधा चंद्राकार चांद दिखने के बाद ही इसकी तारीखों का ऐलान किया जाता है।

हज को लेकर कहा जाता है कि यह ऐसी तीर्थयात्रा है, जो हर मुसलमान को अपने जीवनकाल में एक बार जरूरी करनी चाहिए। ईद की नमाज के बाद ही कुर्बानी या बलिदान मुसलमान करते हैं। चाहे वे हज न भी कर रहे हों। सुबह के समय ही कुर्बानी ईद की नमाज के बाद दी जाती है। मुस्लिम की महीने धुल हिज्जा की शुरुआत भी अर्धचंद्र या नया चांद देखने के बाद ही मानी जाती है।

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हर मुस्लिम को करनी चाहिए जीवन में हज यात्रा

सऊदी अरब के शहर मक्का को हज यात्रा का प्रतीक दुनियाभर में माना जाता है। जिसके 10वें दिन ईद अल अधा मनाई जाती है। इस्लामी चंद्र कैलेंडर की बात करें, तो धुल हिज्जा 12वां और अंतिम माह माना जाता है। इसी महीने में वार्षिक हज यात्रा का आयोजन मक्का के लिए होता है। ईद उल अधा भी मनाई जाती है। इसलिए इसे पवित्र महीना माना जाता है। माना जा रहा है कि इस बार जापान, भारत, मलेशिया और पाकिस्तान के मुस्लिम ईद उल अजहा 2024 के लिए धुल हिज्जा 1445 का चांद लाइव देख सकेंगे।

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धुल हिज्जा महीने को मुस्लिम भक्ति, चिंतन और पूजा के कार्यों के हिसाब से देखते हैं।
धुल हिज्जा के दसवें दिन दुनियाभर के मुस्लिम जानवरों की कुर्बानी देते हैं, जो अल्लाह के प्रति प्रेम माना जाता है। जिसके अनुसार दिखाया जाता है कि वे अल्लाह के लिए किसी भी प्यारी चीज को कुर्बान कर सकते हैं। कुर्बानी से तैयार भोजन को तीन भागों में सर्व किया जाता है। पहला हिस्सा परिवार और दूसरा रिश्तेदारों के लिए होता है। वहीं, तीसरा हिस्सा गरीबों में वितरित किया जाता है। मुस्लिम मानते हैं कि ऐसा करने से अल्लाह खुश होते हैं, उनकी दुआएं कबूल होती हैं।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Jun 07, 2024 10:33 PM

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