नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोई ने एक बड़ा फैसला दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के सभी कर्मी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ पाने के हकदार हैं। अदालत ने एक मामले में कहा कि वे (सीएपीएफ कर्मी) ओपीएस का लाभ पाने के हकदार हैं। जैसा कि उन्हें 22 दिसंबर, 2003 की अधिसूचना द्वारा यह प्रदान किया गया है।
Old Pension Scheme applicable for all personnel of Central Armed Police Forces: Delhi High Court
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— ANI Digital (@ani_digital) January 12, 2023
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न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्ण की खंडपीठ ने यह निर्णय दिया है। खंडपीठ सीएपीएफ के 82 कर्मियों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने अपने आदेश में स्प्ष्ट करते हुए कहा “पुरानी पेंशन योजना न केवल याचिकाकर्ताओं के मामले में लागू होगी बल्कि सभी सीएपीएफ के कर्मी के लिए यह आदेश जारी किए जाते हैं।” हाईकोर्ट ने कहा कि बलों के कर्मियों के लिए बहुत सम्मान रखते हुए, न्यायालयों के साथ-साथ भारत सरकार ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी नीतिगत निर्णय उनके हित के लिए हानिकारक नहीं होना चाहिए।
इस अधिसूचना का हवाला
अदालत ने कहा 22 दिसंबर, 2003 की अधिसूचना और 17 फरवरी, 2020 के कार्यालय ज्ञापन की सामग्री स्पष्ट रूप से बताती है कि जब एनपीएस को लागू करने का नीतिगत निर्णय लिया गया था, तो देश के सशस्त्र बलों को इसके दायरे से बाहर रखा गया था। तदनुसार, हमारी सुविचारित राय है कि 22 दिसंबर, 2003 की अधिसूचना, साथ ही 17 फरवरी, 2020 के कार्यालय ज्ञापन को उनके वास्तविक सार में लागू करने की आवश्यकता है।
याचिका में दिए गए यह तर्क
पेश मामले में याचिकाकर्ताओं ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सशस्त्र सीमा बल, सीमा सुरक्षा बल और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस आदि सहित विभिन्न बलों के कर्मियों ने याचिकाओं के माध्यम से उन्हें पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ देने से इनकार करने वाले आदेशों को रद्द करने की मांग की थी। याचिकाकर्ताओं ने प्रतिवादियों द्वारा जारी 17 फरवरी, 2020 के कार्यालय ज्ञापन को इस हद तक रद्द करने की मांग की थी कि यह उन कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं देता है, जिन्हें 01 जनवरी, 2004 की अधिसूचनाओं/विज्ञापनों के अनुसार नियुक्त किया गया है।