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‘मेरे पास आओ…वासना खत्म कर दूंगा’…Daati Maharaj कौन? ‘चरण सेवा’ के बहाने हवस बुझाई, रेप केस में फंसा

Daati Maharaj Story: दाती महाराज और उसके 2 भाइयों के खिलाफ दर्ज रेप केस में आरोप तय हो गए हैं। 18 अक्टूबर से केस की सुनवाई शुरू होगी। करीब 5 साल बाद केस में आरोप तय किए गए और जांच CBI कर रही है। आइए दाती महाराज और उसके खिलाफ दर्ज केस के बारे में जानते हैं...

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Sep 22, 2024 08:34
Daati Maharaj
Daati Maharaj

Daati Maharaj Rape Case Inside Story: मदनलाल उर्फ दाती महाराजा और उसके 2 भाइयों अर्जुन और अशोक के खिलाफ दर्ज रेप केस में आरोप तय हो गए हैं। दिल्ली में साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने तीनों आरोपियों के खिलाफ दर्ज रेप केस में आरोप तय करके मुकदमा चलाने का आदेश जारी किया। वहीं मामले में एक और आरोपी दाता महाराज के भाई अनिल को राहत दी गई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नेहा ने आरोप तय किए। तीनों के खिलाफ 18 अक्टूबर से सुनवाई शुरू होगी। आइए पूरा मामला जानते हैं और यह भी जानते हैं कि दाती महाराज आखिर है कौन?

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क्या है मामला?

मामला साल 2016 का है। 7 जून 2018 को पीड़िता ने थाना फतेहपुरबेरी में केस दर्ज कराया। 11 जून 2018 को पीड़िता के बयान दर्ज करने के बाद FIR दर्ज की गई। हाईकोर्ट ने 3 अक्टूबर 2018 को CBI को केस की जांच सौंपी। 2019 में IPC की धारा 376 (रेप), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध), 506 (आपराधिक रूप से धमकाना) और 34(समान मंशा) के तहत दाती महाराज, अर्जुन, अशोक और अनिल को आरोपी बनाया गया और कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई।

4 सितंबर 2020 को चारों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर हुई। पीड़िता के बयान मां नीतू उर्फ श्रद्धा और नीमा जोशी को भी नामजद किया गया था, लेकिन इन्हें आरोपी नहीं बनाया गया। दिसंबर 2019 में फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। आरोप तय करने में 5 साल लगे। 3 मार्च 2020 को आरोप तय करने को शुरू हुई बहस अब खत्म हुई। 17 मई 2023 से अब तक 6 बार आरोप तय करने के लिए तारीखें दी गईं, लेकिन आरोपी 21 सितंबर 2024 को तय किए गए।

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पीड़िता ने सुनाई आपबीती

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह 10 साल से दाती महाराज की अनुयायी थी। 9 फरवरी 2016 को वह दाती महाराज की चरण सेवा करने उनके पास गई थी। महाराज की एक सेविका श्रद्धा उसे दिल्ली स्थति शनि धाम ले गई थी। वहां चरण सेवा कराने के बहाने उसे सफेद रंग के कपड़े पहनाकर एक कमरे में ले जाया गया। वहां दाती महाराज था, जिसने उससे कहा कि जब मैं हूं तो दूसरों के दर क्यों भटकना? मैं तुम्हे मोक्ष दिलाऊंगी, सत्य की राहत दिखाऊंगा, तुम्हारी वासना खत्म कर दूंगा। इसके बाद वह और उसके भाई चरण सेवा के नाम पर उसका यौन शोषण करते रहे। तंग आकर साल 2016 में वह आश्रम से भाग गई। उस समय वह डिप्रेशन में थी, जिससे उबरने के बाद उसने पुलिस को शिकायत दी।

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कौन है दाती महाराज?

दाती महाराज का असली नाम मदन लाल है और वह राजस्थान के पाली जिले के गांव अलावास का निवासी हैं। माता-पिता के निधन के बाद वह ढोलक बजाकर पैसे कमाता था, क्योंकि उसके पिता यही काम करते थे। इस बीच वह अपने भाइयों को लेकर दिल्ली आ गया। यहां उसने एक चाय की दुकान पर काम किया। कैटरिंग का बिजनेस भी किया। साल 1996 में वह राजस्थान के ही एक ज्योतिषी से मिला। उसके साथ रहते हुए उसने कुंडली देखना शुरू कर दिया। मुनाफा होने लगा तो उसने कैटरिंग का बिजनेस बंद करके एक ज्योतिष केंद्र खोल लिया।

साथ ही दाती महाराज नाम रख लिया। साल 1998 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक नेता के चुनाव जीतने की भविष्यवाणी की और वह तीत भी गया। नेता ने खुश होकर उसे फतेहपुर बेरी स्थित अपना पुश्तैनी मंदिर सौंप दिया, जिसकी दाती महाराज देखभाल करने लगा। उसके बाद हरिद्वार महाकुंभ में पंचायती महानिर्वाण अखाड़े ने दाती महाराज को महामंडलेश्वर बना दिया गया। इसके बाद उसने शनि मंदिर को नाम श्री सिद्ध शक्तिपीठ शनिधाम पीठाधीश्वर रख लिया और खुद को श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर परमहंस दाती जी महाराज घोषित कर दिया।

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First published on: Sep 22, 2024 08:30 AM

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