केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी सीआईएसएफ ने युवाओं को अधिक से अधिक सीआईएसएफ की ओर आकर्षित करने के लिए अपने ट्रांसफर नियमों में बदलाव किया था। ऐसा बदलाव करने वाली सीआईएसएफ पहली पैरामिलिट्री फोर्स बन गई थी। इस बदलाव का परिणाम यह हुआ कि फोर्स में वॉलंटरी रिटायरमेंट की दर सबसे कम हो गई। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए सीआईएसएफ ने एक बार फिर मिसाल कायम की है।
आपको बता दें कि सीआईएसएफ में अब आईजी स्तर के आधे अधिकारी महिलाएं हैं। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो एसएसबी, सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी के अनुपात में यह संख्या सबसे अधिक है। आखिर कौन हैं वे चार महिला अफसर जिन्हें आईजी बनाया गया है?
1. शांति जयदेव
देश के पूर्वी इलाके की कमान डीआईजी रहते हुए संभाली है। इन्हें ‘ईस्टर्न इंडिया की महारानी’ भी कहा जाता है। अब ये आईजी के पद पर रहकर सुरक्षा की कमान संभालेंगी।
2. ज्योति सिन्हा
IG (DAE और DOS) के रूप में परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभागों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।
Redefining Leadership — Where Gender Parity Meets Operational Excellence
A historic milestone has been achieved by CISF with 50% of cadre officers in the rank of Inspector General (IG) being women. This is the highest proportion among all Armed Forces of the Union. These… pic.twitter.com/b0hwVo3bNT
— CISF (@CISFHQrs) June 30, 2025
3. प्रतिभा अग्रवाल
IG (टेक्नोलॉजी और प्रोविजनिंग) के तौर पर सीआईएसएफ मुख्यालय में तकनीक और संसाधनों का प्रबंधन संभालती हैं।
4. नीलिमा रानी
IG (मध्य क्षेत्र) के रूप में मध्य भारत में सीआईएसएफ की गतिविधियों को दिशा दे रही हैं। उनकी दृढ़ता और समर्पण ने इस क्षेत्र में सुरक्षा को और भी मजबूत किया है।
इस तैनाती को लेकर CISF की तरफ से कहा गया है कि CISF ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, जिसमें महानिरीक्षक (IG) के पद पर 50% कैडर अधिकारी महिलाएं हैं। यह संघ के सभी सशस्त्र बलों में सबसे अधिक अनुपात है। ये अधिकारी अब प्रमुख विभागों और फील्ड संरचनाओं का नेतृत्व कर रहे हैं, यह महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता और नेतृत्व के प्रति बल की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा में नारी शक्ति के लिए भारत के व्यापक प्रयास के अनुरूप है। नेतृत्व के पदों पर महिलाओं के आने से, CISF न केवल एक मील का पत्थर साबित हो रहा है बल्कि यह वर्दीधारी सेवाओं में सही प्रतिनिधित्व और सार्थक भागीदारी की दिशा में एक आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है।