Chief Justice DY Chandrachud on Article 370 Decision : जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना करने वालों को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय संविधान और कानून के अनुसार लिया गया था।
"किसी मामले का नतीजा कभी भी जज के लिए निजी नहीं होता है"
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— News24 (@news24tvchannel) January 1, 2024
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उन्होंने 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और इसकी आलोचना पर कहा कि जज अपने निर्णय के माध्यम से अपने दिमाग की बात कहते हैं जो बाद में पब्लिक प्रॉपर्टी बन जाती है। एक स्वतंत्र समाज में लोग अपने विचार रखने के लिए आजाद होते हैं। हमने जो फैसला लिया वह संविधान और कानून के अनुरूप था।
चीफ जस्टिस ने कहा कि मैं समझता हूं कि इस निर्णय की आलोचना पर प्रतिक्रिया देना या फिर अपने फैसले का बचाव करना मेरे लिए उचित नहीं होगा। हमने अपने फैसले में जो भी कहा उसका कारण दस्तावेजों में स्पष्ट लिखा हुआ है और मेरे लिए उसे वहीं पर छोड़ देना बेहतर है।
सेम सेक्स मैरिज के फैसले पर भी बोले
इसके साथ ही उन्होंने सेम सेक्स मैरिज को अनुमति न देने के फैसले पर भी बात की। उन्होंने कहा कि किसी भी मामले का परिणाम एक जज के लिए कभी भी निजी नहीं होता है। बता दें कि 17 अक्टूबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने समलिंगी विवाह की मांग को खारिज कर दिया था।
देश के 50वें चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब आप किसी मामले में फैसला ले लेते हैं तो खुद को उसके परिणाम से अलग कर लेते हैं। मुझे कभी भी कोई खेद नहीं रहा है। किसी कारण के साथ खुद को कभी न जोड़ना एक जज के जीवन का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। किसी भी केस में निर्णय लेने के बाद मैं उस मामले को वहीं पर छोड़ देता हूं।
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