CBI inquiry against TMC MP Mahua Moitra Claim BJP MP Nishikant Dubey: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि लोकपाल ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया है। झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद ने एक्स पर पोस्ट कर ये दावा किया। उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में लिखा कि लोकपाल ने आज मेरे कम्प्लेन पर सांसद महुआ मोइत्रा के राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने पर सीबीआई जांच का आदेश दिया।
लोकपाल ने आज मेरे कम्प्लेन पर आरोपी सांसद महुआ जी के राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने पर CBI inquiry का आदेश दिया
---विज्ञापन---— Dr Nishikant Dubey(Modi Ka Parivar) (@nishikant_dubey) November 8, 2023
हालांकि, निशिकांत दुबे के दावे पर अभी तक लोकपाल की ओर से सीबीआई जांच के आदेश की कोई पुष्टि नहीं हुई है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के दावे के जवाब में तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने अपनी प्रतिक्रिया दी। महुआ ने जांच का स्वागत किया। साथ ही कहा कि सीबीआई पहले कथित 13,000 करोड़ रुपये के अडानी कोयला घोटाले के खिलाफ मामला दर्ज करे।
निशिकांत दुबे के ट्वीट के तुरंत बाद, महुआ मोइत्रा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सीबीआई को पहले 13,000 करोड़ रुपये के अडानी कोयला घोटाले पर एफआईआर दर्ज करने की जरूरत है। राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा यह है कि कैसे संदिग्ध एफपीआई स्वामित्व वाली (चीनी और संयुक्त अरब अमीरात समेत) अडानी कंपनियां भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों को खरीद रही हैं और वो भी भारतीय गृह मंत्रायल की मंजूरी के साथ। फिर भी सीबीआई का स्वागत है, आइए, मेरे जूते गिनिए।
For media calling me- my answer:
1. CBI needs to first file FIR on ₹13,000 crore Adani coal scam
2. National security issue is how dodgy FPI owned (inc Chinese & UAE ) Adani firms buying Indian ports & airports with @HMOIndia clearanceThen CBI welcome to come, count my shoes
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) November 8, 2023
बता दें कि निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर गिफ्ट के बदले बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के कहने पर अडानी ग्रुप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया है।
महुआ मोइत्रा ने इन आरोपों से इनकार किया है और इसे सत्तारूढ़ भाजपा की ओर से उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध बताया है। फिलहाल, इस मामले को लोकसभा की एथिक्स कमेटी देख रही है।